Faridabad NCR
50 दिन के शिशु के हार्ट का किया सफल ऑपरेशन
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में श्रीनगर से हृदय की जन्मजात गंभीर समस्या के साथ आये 50 दिन के मोहम्मद अबु बकर का सफल ऑपरेशन किया। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद से पीडियाट्रिक-कार्डियो थोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि जब बच्चा हमारे पास आया तो उसे सर्दी और बुखार, स्तनपान न करने की इच्छा, बार-बार निमोनिया, त्वचा का नीला पड़ना और जरूरी वजन के न बढ़ने जैसे लक्षण थे। परिजन ने बच्चे को कश्मीर में 8-9 डॉक्टरों को दिखाया लेकिन वहां सुविधाओं के अभाव के कारण बच्चे का इलाज नहीं हो पाया। इको टेस्ट करने पर हमें बच्चे में हार्ट से बॉडी की तरफ जाने वाली खून की नसों में सिकुडन के साथ-साथ ट्रांसपोज़िशन ऑफ़ ग्रेट आर्टरीज-टीजीए (हृदय की सबसे बड़ी आर्टरीज का बदलना) और वीएसडी (वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट या दिल में छेद) का पता चला। ऐसी स्थिति में हार्ट फेलियर और सायनॉसिस (खून में ऑक्सीजन की कमी के कारण त्वचा का नीला पड़ना) का खतरा बढ़ सकता है जो नवजात शिशुओं के लिए जानलेवा हो सकता है। इस स्थिति में तुरंत इलाज होना बहुत जरूरी है। बच्चे की जान बचाने के लिए हमने वन स्टेज ऑपरेशन किया जिसमें हृदय से जुडी सभी त्रुटियाँ (कमियां) एक साथ ठीक कर दी गईं। हार्ट ऑपरेशन में सबसे जटिल मानी जाने वाली प्रक्रिया आर्टेरियल स्विच ऑपरेशन किया गया जिसमें उल्टी स्थिति में आ रही दोनों बड़ी धमनियों को ठीक किया गया और सामान्य साइड पर जोड़ा गया। दिल में छेद को भी भर दिया गया। शरीर की सबसे बड़ी एवं मुख्य धमनी में सिकुडन को भी ठीक किया गया। 2-3 दिन में आईसीयू में बच्चा स्वस्थ हो गया। बच्चे ने दूध पीना शुरू कर दिया और सही तरीके से नींद लेना शुरू कर दिया। बच्चे के ठीक होने पर परिजन ने मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, डॉ. राजेश शर्मा और उनकी टीम का तहे दिल से धन्यवाद किया।
ट्रांसपोज़िशन ऑफ़ ग्रेट आर्टरीज (टीजीए) हृदय में होने वाली एक गंभीर और दुर्लभ स्थिति है जिसमें हृदय से रक्त ले जाने वाली दो मुख्य धमनियां मुख्य पल्मोनरी आर्टरी और एओर्टा – अपनी जगह बदल लेती हैं। इस समस्या से पीड़ित शिशुओं में सांस लेने में कठिनाई, तेज़ धड़कन, कमजोर नाड़ी, त्वचा का रंग नीला पड़ना और आहार न लेना जैसी समस्याएँ देखने को मिलती हैं।
डॉ. राजेश शर्मा ने कहा कि यह केस काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि आर्टेरियल स्विच ऑपरेशन काफी जटिल प्रक्रिया होती है। बच्चे के दिल में दाएं और बाएं वेंट्रिकल के बीच एक छेद भी था और महाधमनी में सिकुडन भी थी। इसलिए वन स्टेज ऑपरेशन किया गया। सर्जरी में लगभग 4 घंटे का समय लगा और सर्जरी सफल रही। स्वस्थ होने पर बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया। बच्चे को पांच साल की उम्र तक महीने या साल में डॉक्टर के साथ नियमित फॉलो-अप में रहने की जरूरत होती है। यह बच्चा भी अब अन्य बच्चे की तरह बिना किसी प्रतिबंध के सामान्य जीवन जी सकता है।