Faridabad NCR
सूरजकुंड दिवाली मेले का सांस्कृतिक विधा के साथ हुआ समापन

केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह स्वदेशी मेला केवल सामान बेचने का माध्यम नहीं है, बल्कि यहां हरियाणा के साथ-साथ देश की समृद्ध संस्कृति, खानपान और परिधान देखने का मिलते हैं। सूरजकुंड दिवाली मेला देश की एकता और अखंडता को मजबूत कर रहा है। आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी मेला की थीम पर आधारित यह मेला प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सपने लोकल फॉर वोकल को पूरा करने में मील का पत्थर साबित हो रहा है। आने वाले समय में मेले को बढ़ाने की दिशा में और उचित कार्य किए जाएंगे। इस मेले की छटा सुंदरता और आकर्षण लगातार बढ़ रहा है। यह मेला संस्कृति और विरासत का अनूठा संगम है। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से सूरजकुंड में अलग-अलग समय में विभिन्न नामों से ऐसे और भी मेले आयोजित करने का सुझाव भी दिया।
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दे रहा सूरजकुंड मेला
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस बार आयोजित द्वितीय सूरजकुंड दिवाली मेला में 450 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे। इन स्टॉल पर इस बार डिजिटल लेनदेन का प्रचलन को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन पेमेंट के लिए क्यूआर कोड भी लगाए गए थे। वहीं इससे पहले मेले में सभी स्टॉल की बुकिंग भी ऑनलाइन माध्यम से की गई थी। इससे प्रधानमंत्री के डिजिटल भारत के संकल्प को बढ़ावा मिला है। उन्होंने बताया कि मेला में आत्मनिर्भर भारत-स्वदेशी मेला के तहत स्वदेशी उत्पादों की अधिक स्टॉल लगाई गई हैं। उन्होंने मेले में आए शिल्पकार, हस्तशिल्प और स्टॉल संचालकों को भी प्रोत्साहित किया।
सूरजकुंड दिवाली मेला बना आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक : डॉ. अरविंद शर्मा
हरियाणा सरकार में पर्यटन एवं विरासत मंत्री डा. अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि सूरजकुंड की पावन धरती पर आयोजित सूरजकुंड दिवाली मेला केवल एक व्यापारिक या सांस्कृतिक आयोजन नहीं हैं बल्कि यह हमारी लोक परंपराओं, कला, संस्कृति और सामाजिक सहभागिता का एक अद्भुत संगम है। इस मेले की थीम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत – स्वदेशी अपनाओ विजन पर आधारित रही। इस मेले की थीम आत्मनिर्भर भारत–स्वदेशी मेला ने हमें हमारे स्वदेशी मूल्यों की ओर लौटने की प्रेरणा दी है और परिवारों को जोड़ने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की भावना को मजबूत किया है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल और लोकल टू ग्लोबल के संदेश को इस दीपावली मेले ने साकार किया है। इस मेले ने न केवल फरीदाबाद के पर्यटन को नई पहचान दी है, बल्कि प्रदेशभर के शिल्पकारों को रोजगार, खुद की अलग पहचान और सम्मान दिया प्रदान किया है।
पर्यटन मंत्री डा. अरविंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा पर्यटन निगम द्वारा आयोजित इस दिवाली मेले में पूरे देश से आए नागरिकों द्वारा 456 स्टॉल्स लगाए गए थे। इन स्टॉल्स में आर्ट एंड क्राफ्ट, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट, बुटीक, होम डेकोर, लाइट्स और सजावटी वस्तुओं, खाद्य पदार्थों, ज्वेलरी, फुटवियर, और क्लोथिंग स्टॉल्स ने हजारों पर्यटकों को आकर्षित किया। हमारे स्थानीय कारीगरों और महिला स्वयं सहायता समूहों ने अपनी रचनात्मकता से यह सिद्ध कर दिया कि हरियाणा का हुनर किसी से कम नहीं। इन स्टॉल्स के माध्यम से हर कारीगर और उद्यमी ने अपने हुनर से यह दिखाया कि स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर ही हम आर्थिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक पहचान दोनों हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म्स 2.0 के माध्यम से वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को रफ्तार देने के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस कड़ी में स्वदेशी अभियान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में यह मेला स्वदेशी अभियान में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने मेले की सफलता पर आयोजकों को बधाई देते हुए सभी को आने वाले त्योहारों की अग्रिम शुभकामनाएं दीं।