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Faridabad NCR

सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला, जूट के धागे से बना अर्जुन रथ पर्यटकों को कर रहा आकर्षित

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 13 फरवरी। युद्ध भूमि में लिखा गया दुनिया का एकमात्र ग्रंथ श्रीमद्भगवदगीता से जुड़ी हर चीज अपने आप में खास होती है। ऐसी ही खास चीज है मां काली जूट हैंडीक्राफ्ट की स्टॉल पर लगा अर्जुन रथ। सूरजकुंड मेला के गेट नंबर-2 के पास जूट के धागों से बना यह अर्जुन रथ पर्यटकों को अपनी और आकर्षित कर रहा है।
नेशनल जूट बोर्ड की तरफ से लगी स्टॉल में बैठे पश्चिम बंगाल के एस पोदार ने बताया कि जूट के धागे से बना यह अर्जुन रथ कई महीने में तैयार हुआ था। ऐसे में इसकी कीमत भी अधिक हो जाती है। इस मेले में अब तक ऐसे दो रथों की बिक्री हो चुकी है। एक रथ की कीमत 15 हजार रुपए है।
उन्होंने बताया कि यह कला उनकी मां शोभा रानी पोदार ने उन्हें सिखाई है। 2014 से उन्होंने यह कार्य शुरू किया है। जूट के धागे से मां दुर्गा की मूर्ति तथा राधा कृष्ण की मूर्ति भी बनाते हैं। उनकी माता लगातार सरकार द्वारा चलाई गई विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों को प्रशिक्षण दे रही हैं। इस कला के लिए उन्हें स्टेट अवॉर्ड भी मिल चुका है।
उन्होंने पौराणिक कथाओं के आधार पर  कई मूर्तियां बनाई है। इसके अलावा जूट से वह कई तरह के उत्पाद बनाते है, जिसमें मुख्य रूप से पक्षियों के लिए घोसले, हैंडबैग तथा अन्य सजावटी सामान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मां काली जूट हैंडीक्राफ्ट के माध्यम से उन्होंने कई महिलाओं को स्वरोजगार के साथ जोड़ा है। नेशनल जूट बोर्ड की तरफ से उन्हें कई अच्छे प्लेटफार्म उपलब्ध करवाए हैं। इससे वे अपनी कला को आगे बढ़ाने में सफल हुए हैं। उनका प्रयास है कि वे इस कला को नई पीढ़ी को सिखाएं, ताकि प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का कम से कम इस्तेमाल हो और जूट से बने उत्पादों को बढ़ावा मिले।

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