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Faridabad NCR

सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला, पुस्तैनी कला को संरक्षित कर रहे हैं डी. वेंकटरमन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 14 फरवरी। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में आंध्र प्रदेश के डी. वेंकटरमन राजा महाराजाओं के समय की अपनी ट्राइबल आट्र्स को संरक्षित करने में लगे हुए हैं। लेदर से बने शैडो कठपुतली के आइटम पर्यटकों को खासा आकर्षित कर रहे हैं।
स्टेट अवॉर्डी वेंकटरमन लेदर को विशेष प्रकार से प्रोसेस करके बिना किसी केमिकल का प्रयोग किए ऐसे आइटम बनाते हैं, जो हजारों वर्षों तक सुरक्षित रहते हैं। देशभर में जहां भी शैडो कठपुतली के खेल होते हैं, वहां पर उनके आइटम की दरकार जरूर रहती है।
उनकी स्टॉल पर लेदर पपेट्स, लेदर लैंप शेड, वॉल हैंगिंग, डोर पैनल पार्टीशन, लेदर पपेट शो आदि उत्पाद मिलते हैं। लेदर पोपट शो में प्रदर्शित करने के लिए उन्होंने रामायण और महाभारत की कहानी को लेकर कठपुतलियां बनाई है। कपड़े जितने महीन लेदर पर उनके द्वारा बनाए गए चित्रों के माध्यम से प्रकाश डाला जाता है तो दीवार पर चलचित्र सा दिखने लगता है। यह कला भारत में अब लगभग लुप्त प्राय हो चुकी है, लेकिन आंध्र प्रदेश के नीमाला कुंठा गांव के वेंकटरमन इस कला को जीवित रखने के लिए देशभर में लगने वाले इस तरह के मेलों में हिस्सा लेते आए हैं।
उन्होंने बताया कि यह हमारी पुस्तैनी कला है। इसमें एक-एक कहानी को बनाने में महीनों लग जाते हैं, लेकिन इस कला को जिंदा रखने के लिए वे नई पीढ़ी को भी इसका प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजा महाराजाओं के समय लैंप के अंदर दीप जलाकर बेहद खूबसूरत तरीके से प्रकाश की व्यवस्था की जाती थी। इसकी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए उन्होंने आधुनिक दौर में इनमें एलईडी के माध्यम से प्रकाश की व्यवस्था की है।

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