Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 9 फरवरी। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के टुवर्ड्स ए सिक्योर एससीओ की थीम के संकल्प को साकार करने को प्रतिबद्ध शंघाई सहयोग संगठन के 25 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने वीरवार को 36वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का भ्रमण किया।
दुनिया की सांस्कृतिक विरासत के महाकुंभ यानी सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले के भ्रमण पर आए विदेशी मेहमानों का प्रधान सचिव एवं सूरजकुंड मेला अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन एमडी सिन्हा ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इन देशों से आए प्रतिनिधियों ने न केवल अपने देश की कला एवं संस्कृति का प्रदर्शन किया बल्कि उन्होंने पूरी दुनिया की सांस्कृतिक विरासत को भी देखा। इन सदस्यों ने सभी एससीओ स्टाल का भ्रमण किया। उसके बाद अंत में यूनाइटेड अरब अमीरात स्टॉल पर जाकर उनके देश में विभिन्न खुशी के अवसर पर गाए जाने वाले सॉन्ग तथा नृत्य का प्रदर्शन किया।
हिंदुस्तान की समृद्ध कला, संस्कृति एवं विरासत को देखकर सभी एससीओ प्रतिनिधि गदगद नजर आए। सूरजकुंड मेला अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन एमडी सिन्हा ने सबाह-अल्कर बोलकर अभिनंदन किया तो उन्होंने नमस्कार करके अभिवादन स्वीकार किया। यूनाइटेड अरब अमीरात में गुड मॉर्निंग को सबाह-अल्कर तथा गुड आफ्टर नून को मासा-अल्कर कहते हैं।
यूएई की स्टाल पर सूरजकुंड मेला अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन एमडी सिन्हा ने भी उनके साथ नृत्य करके मेहमान नवाजी की। साथ ही अरबी चाय का जायका भी लिया। विदेशी डेलीगेट ने उन्हें केजराना (हरियाणवी डोगे की तरह की छड़ी) भेंट की। इसी केजराना को हाथ में लेकर वहां पर नृत्य किया जाता है। मेले में दुनिया की विभिन्न सांस्कृतिक रंगत को देखकर डेलीगेट उत्साहित नजर आए। साथ ही दिनभर खरीदारी भी की।
इसके अलावा मेले में वीरवार की सांस्कृतिक संध्या शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के नाम रही। सभी देशों से आए कलाकारों ने अलग-अलग सांस्कृतिक भाव व रंगों से स्टेज को गुलजार कर दिया।
सहायक नोडल अधिकारी हरविंदर सिंह यादव ने बताया कि सभी एसपीओ के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों का हमारे देश की परंपरा के अनुसार स्वागत किया गया तथा उन्हें पूरे मेले परिसर का भ्रमण भी करवाया गया।
सनद रहे कि भारत सितंबर 2023 तक एक वर्ष के लिए समूह की अध्यक्षता करेगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में चीन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में सिक्योर की अवधारणा पेश की थी। इस अवधारणा में सुरक्षा, आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता, अखंडता और पर्यावरण संरक्षण पर फोकस रखने का आह्वान किया था।