Faridabad NCR
तमिलनाडू के कलाकार तंजावूर पेंटिंग कला को बढ़ा रहे हैं आगे, केशवन को शिल्प गुरू अवॉर्ड से नवाजा गया है

Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 13 फरवरी। 36 वें सूरजकुंड अंतरराष्टï्रीय शिल्प मेला में तमिलनाडू के कलाकार तंजावूर पेंटिंग के माध्यम से पर्यटकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। स्टॉल नंबर-956 पर दर्शक इन पेंटिंग्स के साथ सेल्फी लेने के साथ-साथ खरीददारी में भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। तंजावूर पेंटिंग लगभग 500 वर्ष पुरानी कला है, जिसे तमिलनाडू का पन्नीर सेल्वम परिवार के अलावा अन्य कलाकार इस कला को आगे बढ़ा रहे हैं।
तमिलनाडू के केशवन व जैसराज तंजावूर पेंटिंग के पुस्तैनी कार्य को आगे बढाने का कार्य कर रहे हैं। इनके पिता पन्नीर सेल्वम व दादा हीरामणी ने तंजावूर पेंटिंग का कार्य शुरू किया था। तंजावूर पेंटिंग प्लाईवुड बोर्ड पर कपड़े की मदद से बनाई जाती है। सबसे पहले पेंटिग्स के लिए स्कैच तैयार किया जाता है। पेंटिंग पर 24 कैरेट सोने की कोटिंग चढाई जाती है। इन पेंटिंग्स पर वैजीटेबल रंगो का प्रयोग किया जाता है।
केशवन को तंजावूर पेंटिंग्स की मूर्तिकला को बढावा देने के लिए वर्ष 2019 में शिल्प गुरू अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है तथा उन्हें वर्ष 2013 में स्टेट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। तंजावूर पेंटिंग के स्टॉल पर श्रीकृष्ण, गणेश, बालाजी, भगवान विष्णु के अलावा अन्य देवी-देवताओं की पेंटिंग्स उपलब्ध हैं। इस स्टॉल पर 8 हजार रुपए से 8 लाख रुपए तक की पेंटिंग्स उपलब्ध हैं।