Faridabad NCR
बंदरगाहों पर वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को 30% तक कम करने का लक्ष्य, सर्बानन्द सोनेवाल सिलक्यारा टनल के हीरो को आईआईएसएसएम ने किया सम्मानित
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 20 दिसंबर। हरित भविष्य की दिशा में अपनी यात्रा में, हम अपने कार्बन पदचिह्न को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मंत्रालय अपने प्रत्येक प्रमुख बंदरगाह की कुल बिजली मांग में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को 10% से कम की वर्तमान हिस्सेदारी से बढ़ाकर 60% करने का इरादा रखता है। बंदरगाहों ने वर्ष 2030 तक कार्गो हैंडल के कार्बन उत्सर्जन पार्ट टन को 30% तक कम करने का लक्ष्य रखा है। भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा जारी समुद्री अमृतकाल विजन 2047, एक टिकाऊ समुद्री क्षेत्र और जीवंत के भारत के दृष्टिकोण पर एक खाका है नीली अर्थव्यवस्था. हमारे बंदरगाह वर्ष 2030 तक हरित हाइड्रोजन के प्रबंधन, भंडारण और उत्पादन में सक्षम हाइड्रोजन हब विकसित कर रहे हैं। हमारा पीएसयू कोशिन शिपयार्ड लिमिटेड हरित शिपिंग के लिए गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान और विनिर्माण कर रहा है और उसने हरित वाहन के निर्माण में वैश्विक बढ़त हासिल की है। जलवायु परिवर्तन को कम करने में समुद्री उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। श्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय और आयुष मंत्रालय ने अपने वीडियो संबोधन में यह बातें कही।
उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसा दुनिया भर में सुर्खियों में रहा। 17 दिन जिंदगी मौत की लड़ाई लड़ने वाले 41 मजदूरों के लिए प्रार्थना की गई तो वहीं इस हादसे से मजदूरों को निकानले में दिन रात एक करने वाले एनडीआरएफ के जवानों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। सूरजकुंड स्थित होटल ताज विवांता में आयोजित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) के 33 वें वार्षिक वैश्विक कॉन्क्लेव के दूसरे दिन एनडीआरएफ के 15 बटालियन के अधिकारियों और जाबाज़ जवानों को आईआईएसएसएम के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद आर. के. सिन्हा ने प्रमाण पत्र और उपहार देकर सम्मानित किया। सम्मानित अधिकारियों में एनडीआरएफ के 15 बटालियन कमांडेंट सुदेश कुमार, सीएमओ शैलेश कुमार चौधरी और सेकेण्ड इन कमांड रवि शंकर बढ़ानी सहित कुल 16 जवानों को सम्मानित किया गया।
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) का 33 वां वार्षिक वैश्विक कॉन्क्लेव 19 से 20 दिसंबर 2023 को होटल ताज विवांता, सूरजकुंड, फरीदाबाद में आयोजित किया गया। आईआईएसएसएम के 33 वें वार्षिक वैश्विक कॉन्क्लेव के समापन सत्र को संबोधित करते हुए आईआईएसएसएम के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद श्री आर. के. सिन्हा ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है आईआईएसएसएम के 2 दिवसीय कॉन्क्लेव में आपको बहुत सारी जानकारियां मिली होंगी। आप सभी आईआईएसएसएम जुड़े रहे और अपने ज्ञान को बांट कर अपने ज्ञान में वृद्धि करते रहें।
आईआईएसएसएम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि श्री उदय सिंह, चेयरमैन एवं असम पुलिस के पूर्व डीजीपी जी एम श्रीवास्तव, अध्यक्ष गोपाल पी चौधरी, उपाध्यक्ष मेजर एम एस गेरेवाल तथा जी बी सिंह और मुख्य सलाहकार प्रोफ़ेसर संतोष कुमार सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। महानिदेशक एवं एनएसजी के पूर्व महानिदेशक राजन के मेधेकर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
आईआईएसएसएम के 33वें वार्षिक कांक्लेव के दूसरे दिन साइबर सिक्योरिटी के पैनल पर विशेषज्ञों ने अपने राय रखे। पैनल की अध्यक्षता गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ० आर. के. सिन्हा ने की। वहीँ श्री प्रताप हेबलीकर, पूर्व विशेष सचिव, भारत सरकार ने उभरती चुनौतियों पर: साइबर अपराध, महामारी, औद्योगिक आपदाएं और अग्नि सुरक्षा पर अपना संबोधन दिया। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट का 33वां वार्षिक वैश्विक सम्मेलन 2023 का थीम “आपदा जोखिम वित्तपोषण और वित्तीय लचीलेपन का निर्माण – अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और सुरक्षा प्रबंधन संस्थान आपदा जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा” था।
आई.आई.एस.एस.एम की स्थापना पूर्व विशेष सचिव गृह पद्मश्री के. एन. प्रसाद और श्री आर के सिन्हा, पूर्व संसद सदस्य (राज्य सभा) ने संयुक रूप से 1990 में की थी। आई.आई.एस.एस.एम इन्डियन सोसाइटी एक्ट के तहत 1992 में पंजीकृत एक गैर-लाभकारी शैक्षिक संस्थान है। आई.आई.एस.एस.एम तीन दशकों से सुरक्षा, बचाव और हानि निवारण उद्योग में शिक्षा और व्यावसायिकता के प्रसार में लगा हुआ है। आई.आई.एस.एस.एम एक आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित संस्थान है। यह सुरक्षा पेशेवरों के लिए विषयगत और विभिन्न पाठ्यक्रम चलाता है। वर्ष में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और कई सेमिनार आयोजित करता है। यह सुरक्षा और सुरक्षा लेखा परीक्षा आयोजित करता है और भारत सरकार और कॉर्पोरेट्स को परामर्श सेवाएं प्रदान करता है।