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डॉ. विशाल खुराना का TEDx संदेश : आम जीवनशैली से बदलें अपनी पेट और लिवर की सेहत

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : TEDx कार्यक्रम, अंतरराष्ट्रीय TED मंच का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य समाज में ‘विचारों को साझा करना’ है। ये आयोजन समुदाय-द्वारा आयोजित होते हैं, जहाँ विशेषज्ञ और आम लोग जिंदगी, विज्ञान, स्वास्थ्य, और समाज के महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात रखते हैं। TEDx बातचीतें आम जनता को जागरूक बनाती हैं और छोटी, प्रेरणादायक कहानियों के माध्यम से बड़े बदलाव के बीज बोती हैं।

संघर्ष से सफलता तक: डॉ. विशाल खुराना की कहानी
फरीदाबाद के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे डॉ. विशाल खुराना ने बिना मेडिकल परिवार पृष्ठभूमि और सीमित संसाधनों के बावजूद शिक्षा में कठिनाइयों का सामना कि या। छात्रवृत्तियों और अध्यापकों की मदद से मेडिकल प्रवेश परीक्षाएँ पास कीं, फिर BHU वाराणसी व IPGMER कोलकाता से उच्च शिक्षा ग्रहण कर टॉपर बने। आज वे मेट्रो अस्पताल, फरीदाबाद के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के निदेशक हैं और “Dr Vishal Khurana’s Gut & Health Bytes” के माध्यम से समाज को पेट-लिवर स्वास्थ्य संबंधी मुफ्त जानकारी प्रदान करते हैं।

गट-लिवर अक्ष (Gut-Liver Axis) क्यों है जरूरी
डॉ. खुराना ने बताया कि हमारी आंतों में 100 ट्रिलियन से भी अधिक बैक्टीरिया होते हैं, जिनका भोजन पचाने, फैट स्टोर करने और शरीर के चयापचय (मेटाबॉलिज़्म) को नियंत्रित करने में बड़ा रोल है। आंत और लिवर के बीच पोर्टल वेन द्वारा सीधा संबंध होता है—यही गट-लिवर अक्ष है। ये दोनों मिलकर न सिर्फ पाचन बल्कि पूरे शरीर की प्रतिरक्षा और ऊर्जा का संतुलन साधते हैं।

आसान उपाय, बड़ा असर
 हर निवाले को धीरे-धीरे और खूब चबाकर खाएं, इससे पाचन सुधरेगा और वजन नियंत्रित
रहेगा।
 भोजन के वक्त मोबाइल या बातचीत बंद रखकर ‘माइंडफुल ईटिंग’ या सचेत भोजन अपनाएँ,
जिससे तनाव घटेगा।
 दिन भर में 10-15 मिनट की तेज चाल से टहलना भी अगर रोज की आदत बन जाए, तो लिवर,
शुगर और ब्लडप्रेशर जैसी समस्याओं में लाभ होगा।
 डॉक्टर के बिना सलाह के एंटीबायोटिक्स से बचें, क्योंकि ये आंत के अच्छे कीटाणु नष्ट कर
सकते हैं।
 बाजारू डिटॉक्स या अनावश्यक सप्लीमेंट्स की बजाय, संतुलित आहार और नियमित
दिनचर्या रखें—क्योंकि हमारी आंत और लिवर में जबरदस्त ‘स्वयं-सुधार’ की क्षमता है।

‘जड़ समस्या’ दूर करें, सिर्फ लक्षण नहीं
डॉ. खुराना ने बताया कि अक्सर बीमारी के लक्षण का इलाज किया जाता है, लेकिन बीमारी की जड़ को सुधारने पर जोर दिया जाना चाहिए—जैसे जीवनशैली, आहार और तनाव को कंट्रोल करना सही स्वास्थ्य की कुंजी है। उनके एक मरीज ‘राजेश’ की मिसाल से यह साफ समझ आया: महज 12 सप्ताह में आहार, व्यायाम, सही सोच और माइंडफुलनेस के ज़रिये न केवल वजन और लिवर की सेहत सुधरी, बल्कि मरीज को पूरी तरह नई जिंदगी मिली।

नवाचार और उम्मीद
डॉ. खुराना ने TEDx के मंच से सरल भाषा में संदेश दिया: “अगर हम बीमारी का सिर्फ इलाज न करें, बल्कि शरीर की प्राकृतिक हीलिंग पावर को जगाएँ, तो सचमुच नया, स्वस्थ जीवन संभव है।” यह संदेश उन सब के लिए है, जो अपनी सेहत को बेहतर बनाना चाहते हैं—छोटे-छोटे बदलाव अपनाइए, बड़ा अंतर महसूस कीजिए।

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