Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj :15 जून। मंडलायुक्त संजय जून ने कहा कि फरीदाबाद में कोविड-19 के बढ़ते पाजीटिव केसों को देखते हुए ऐसे संसाधन तैयार किए जाएं की एक साथ बड़ी संख्या में मरीजों का उपचार करना संभव हो पाए।
मंडलायुक्त सोमवार को कोविड-19 के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा की जा रही तैयारियों व प्रबंधों की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में उपायुक्त यशपाल, एमसीएफ कमिश्नर यश गर्ग, फरीदाबाद मेट्रोपोलिटन अथॉरिटी की एसीईओ कम स्मार्ट सिटी की सीईओ गरिमा मित्तल, अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप दहिया,सीटीएम बैलीना, डीडीपीओ राकेश कुमार मोर, कोविड-19 के जिला नोडल अधिकारी डाक्टर रामभगत सिंह सहित केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
मण्डलायुक्त संजय जून ने कहा कि जिला में कोविड-19 केसों के लिए जिला में दस हजार बेड की व्यवस्था तैयार की जाए। उन्होंने इस कार्य के लिए स्मार्ट सिटी की सीईओ गरिमा मित्तल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे कोविड-19 के मद्देनजर बनाए गए कन्ट्रोल रूम में आने वाली शिरकतो का पूर्ण रूप से क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि होम आईसोलेशन पर अलग से कार्य करना है।
मण्डलायुक्त ने कहा कि जिला में कोविड-19 से संबंधित सूचनाओं के लिए अधिकारी आपस में तालमेल बनाकर कार्य करें। अधिकारियों का आपसी सामंजस्य बेहतर तरीके से करें और कोविड-19 के टेस्टो का सरकारी व प्राइवेट लैब का गेप नहीं होना चाहिए। अधिकारी आपसी तालमेल बनाकर डाटा कलेक्ट करके इस बारे डीआईपीआरओ के जरिये सूचना प्रकाशित करवाएं।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों में आने वाले क्रिटिकल केसों का पूरा ब्यौरा अवश्य आनलाइन करवाएं। कोविड-19 के सीरियस केसों में एम्बुलेंस का प्रयोग करें। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोविड-19 के पोजिटिव केसों पर पूरी निगरानी रखें।
बैठक में उपायुक्त यशपाल ने बताया कि जिला में अलग-अलग जोन बनाकर कोविड-19 के मद्देनजर आठ इन्सीडेटं कमाण्डर लगाए गए हैं। उन्होंने एक एक करके कोविड-19 के टेस्ट प्रक्रिया, जिला में कोविड-19 के पोजिटिव केसों के लिए बेड तथा वैल्टिनेटर की उपलब्धता बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
उपायुक्त ने कहा कि जिला की किस जोन में कोविड-19 के पोजिटिव केस बढ रहे और जहां जरूरत है, उन इलाकों को कटेंनमेंट घोषित किया जाए।
बैठक कोविड-19 के पोजिटिव केसों के उपचार हेतु आक्सीजन युक्त बैड की व्यवस्था सहित अन्य हर सम्भावित पहलू पर विस्तार पूर्वक चर्चा करके सुझाव भी साझा किए गए।