Faridabad NCR
दहशतगर्दों का कोई धर्म और मजहब नहीं होता : जितेन्द्र बच्चन

New Delhi Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में नाम और धर्म पूछकर नरसंहार। आतंकियों की इस कायरना हरकत ने एक बार फिर पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है। मंगलवार, 22 अप्रैल को 26 बेकसूर लोगों की हत्या से गम, गुस्सा और दर्द का पहाड़ टूट पड़ा है। दुनिया भर के सैलानियों में दहशत है। लेकिन आतंकियों, तुम इतना याद रखना! दहशतगर्दों का कोई धर्म और मजहब नहीं होता। जन्नत में आकर तुमने जहन्नुम का जो खेल खेला है, उसकी तुम्हें कोई माफी नहीं मिलेगी। तुम्हरी उम्र अब ज्यादा नहीं बची है। तुमसे पहले एक से बढ़कर एक आतंकी खुद को शूरमा समझते थे पर उनका हश्र क्या हुआ, आज पूरी दुनिया के सामने है।
खुद को खुदा मानने वाला हिजबुल्ला चीफ हसन नसरुल्लाह जमीदोज हो गया। ओसामा बिन लादेन इस्लामी नवजवानों को गुमराह कर जेहादी बनाता था और पूरी दुनिया पर अपनी हुकूमत करने का ख्वाब देखता था, अमेरिका ने उसके चीथड़े उड़ा दिए। कसाब, अभी क्या उम्र थी उसकी, तुम्हारे जैसा ही जोश में होश खाने वाला था, इस मुल्क के कानून ने उसे फांसी पर लटका दिया और 26/11 मामले से ही जुड़ा तहव्वुर राणा अब हमारी जेल में सीखचों के पीछे अपनी जान की खैर मांग रहा है। रही बात पाकिस्तान में बैठे आतंकी हाफिज सईद की तो देर-सबेर उसका भी नंबर आने वाला है।
तहव्वुर राणा पर याद आया, उसकी गिरफ्तारी से आतंकी संगठनों और पाकिस्तान में खलबली मच गई। उधर जम्मू-कश्मीर में 370 हटाने के बाद से आतंकियों का लगातार सफाया हो रहा है। हर दिन एक-एक कर आतंकी संगठन और उसके आकाओं पर शिकंजा कसता जा रहा है। पाकिस्तान जो इन आतंकियों और उनके संगठनों का शरण देता है, उसकी अंदुरूरनी हालत खस्ताहाल है। इसी बौखालहट में पिछले हफ्ते पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने कश्मीर को ‘गर्दन की नस’ बताते हुए आग में घी डालने वाला बयान दिया था। उन्होंने दोहराया था कि पाकिस्तान कश्मीर को कभी नहीं भूल सकता। ऐसे में पहलगाम में यह आतंकी घटना जम्मू-कश्मीर में दम तोड़ रहे आतंकवाद को जिंदा रखने की पाकिस्तान की एक नापाक चाल कही जा सकती है? हमले को अंजाम देकर पाकिस्तानी सरकार और फौज की कोशिश है कि देश में मची उथल-पुथल से आम लोगों का ध्यान भटकाया जाए और वैश्विक स्तर पर कश्मीर मुद्दे को भी जिंदा रखा जाए।
यही कारण है कि पहलगाम के मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन में पर्यटकों, खासकर हिन्दुओं को तब निशाना बनाया गया, जब अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर थे और पीएम मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर गए हुए थे। आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेकर आतंकी संगठन टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) के खतरनाक आंतकी सज्जाद गुल ने पाकिस्तान की सोची-समझी साजिश की पुष्टि भी कर दी है। सज्जाद ने पाकिस्तान में ही शरण ले रखी है और भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने उस पर कई साल से बड़ा इनाम घोषित कर रखा है। दहशतगर्द हाफिज सईद का दायां हाथ भी माना जाता है।
बुधवार, 23 अप्रैल को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आंतकियों के नाम भी जारी कर दिए हैं। ये जल्लाद हैं- आसिफ फौजी, सुलेमान शाद और अबू तलहा। आतंकी हमले में जो 17 लोग घायल हुए हैं और चश्मदीद रहे, उनके आधार पर इन दहशतगर्दों के स्केच भी जारी कर दिए गए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सउदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर देश लौट आए हैं और उनकी बैठक यह लेख लिखने तक जारी थी। दहशतगर्दों, इन बेकसूर पर्यटकों की हत्या का बदला भारत जरूर लेगा। तब कांप उठेगा तुम्हारा पाकिस्तान और तुम्हारी जगह जहन्नुम में होगी।