Chandigarh
18 मई को हुई असिस्टेंट प्रोफेसर (इतिहास) परीक्षा रद्द हो HPSC चेयरमैन को बर्खास्त किया जाए : दीपेन्द्र हुड्डा

Chandigarh Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 10 जून। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज HPSC द्वारा बीते 18 मई को आयोजित Assistant Professor (History) लिखित परीक्षा में हुई गम्भीर अनियमितताओं का हवाला देते हुए मांग करी कि जो तथ्य सामने आये हैं उसके आधार पर केवल परीक्षा ही रद्द न हो बल्कि एचपीएससी पर कानूनी कार्रवाई करते हुए चैयरमैन को बर्खास्त किया जाए। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जब अनियमितताओं की शिकायतों को लेकर अभ्यर्थी एचपीएससी चेयरमैन के पास गये तो उन्होंने हरियाणा के बच्चों को ही सनकी बता दिया। ऐसे एचपीएससी चेयरमैन को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, वो स्वयं इस्तीफा दें। प्रदेश की बीजेपी सरकार हरियाणा के नौजवानों का भविष्य चौपट करने में लगी है, इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस मुद्दे पर सांसद जय प्रकाश ने कहा कि HPSC चेयरमैन और सचिव की जिम्मेदारी तय हो और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करके उनको गिरफ्तार किया जाए।
मीडिया से बात करते हुए दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में ऐसी कोई भर्ती नहीं हुई जिसका पेपर लीक या परीक्षा रद्द न हुई हो। इसके चलते हजारों युवा ओवरएज हो गए और सरकारी नौकरी पाने का उनका सपना पूरी तरह टूट गया। कभी परीक्षा रद्द, कभी पेपर लीक, कभी दफ्तर में घूसखोरी तो कभी प्रश्न पत्र में सवाल ही कॉपी पेस्ट करके परीक्षा की शुचिता, मर्यादा तार-तार की गई। भर्ती घोटाले, पेपर लीक और परीक्षा रद्द करने का रिकॉर्ड बनाने वाली ये सरकार सही ढंग से परीक्षा कराने में ही बार-बार फेल हो रही है। इस सरकार की नाक के नीचे प्रदेश में 3 दर्जन से ज्यादा पेपर लीक हुए, लेकिन कभी कोई जांच नहीं हुई न तो दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई। हरियाणा में हुए भर्ती घोटाले ने संभवतः देश के सारे घोटालों को पीछे छोड़ दिया। मध्य प्रदेश का व्यापम घोटाला भी इस घोटाले के आगे बौना हो गया। HPSC दफ्तर में अधिकारियों के पास से रिश्वत के 3 करोड़ 60 लाख रुपये पकड़े गये। घूसखोरी करने वाले अधिकारी से पूछताछ में अलग-अलग पदों के हिसाब से रेट लिस्ट का भी खुलासा हुआ है। HPSC ने ज्यादातर अन्य प्रदेशों ने लोगों को नौकरी दी। बीजेपी सरकार भर्तियों के नाम पर पिछले 11 साल से हरियाणा के युवाओं को ठगने का काम कर रही है।
हिसार एयरपोर्ट के 8वीं बार उद्घाटन पर तंज करते हुए सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 11 साल की बीजेपी सरकार की कार्यशैली का ताजा उदाहरण देश ने देखा जब भारत सरकार के डीजीसीए ने हरियाणा सरकार को कहा कि ऐसा कहीं नहीं होता। अगर सरकार बार-बार उद्घाटन से बाज नहीं आयी तो इसका लाईसेंस रद्द कर दिया जायेगा। भाजपा सरकार के पास हरियाणा में उद्घाटन के लिये और कोई प्रोजेक्ट नहीं है इसीलिये बार-बार एक ही एयरपोर्ट का उद्घाटन कर रही है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 11 साल में हरियाणा को मिला कुछ नहीं उलटे हमारे द्वारा मंजूर कराये गये बड़े-बड़े प्रोजेक्ट दूसरे प्रदेशों में चले गये। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि रेल कोच फैक्ट्री, महम का इंटरनेशनल एयरपोर्ट, एम्स-2 परिसर में एनसीआई के साथ बनने वाले 10 राष्ट्रीय संस्थान, शामिल थे। कोई थर्मल प्रोजेक्ट नहीं आया परमाणु परियोजना को कमीशन तक नहीं करा पायी सरकार। बड़े प्रोजेक्ट हरियाणा से बाहर जाने पर भाजपा के सांसद, मंत्री या किसी नेता ने चूं तक नहीं की। उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में हरियाणा बेरोजगारी, नशाखोरी, अपराध, पलायन ध्वस्त कानून-व्यवस्था में अव्वल बन गया। केन्द्र की भाजपा सरकार ने लगातार हरियाणा से सौतेला व्यवहार किया। हमारे हक का पानी तक नहीं दिलवा पायी। हरियाणा को सबसे कम खेल बजट, केन्द्रीय करों में सबसे कम हिस्सेदारी दी गयी। कुल मिलाकर बीजेपी सरकार के दो इंजन हरियाणावासियों पर चौतरफा वार कर रहे हैं।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा से आज उनके आवास पर हरियाणा सहित देशभर के अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात कर इन गंभीर अनियमितताओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन संख्या 53/2024 Assistant Professor (College Cadre) – History की लिखित परीक्षा में अनेक गम्भीर अनियमितताएँ हैं, जिनमें मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) द्वारा पूर्व में आयोजित Assistant Professor परीक्षा से 24 प्रश्नों को हूबहू कॉपी-पेस्ट किया गया है। यही नहीं, विभिन्न्न ऑनलाइन कोचिंग संस्थानों की वेबसाइट पर उपलब्ध प्रश्न पत्र जो उत्तराखंड राज्य पात्रता परीक्षा (SET) से सम्बंधित होने का दावा किया जा रहा है, से भी कई प्रश्न शब्दशः कॉपी पेस्ट किए गए हैं। यह न केवल परीक्षा की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है, बल्कि इस बात की ओर स्पष्ट इशारा करता है कि इसमें कुछ कोचिंग संस्थानों की मिलीभगत है। इसके अलावा प्रश्नपत्र में गलत उत्तर, हिंदी और अंग्रेज़ी विकल्पों में भिन्नता के साथ ही प्रिंटिंग की त्रुटियाँ भी हैं। कई केंद्रों पर तो सील टूटा हुआ प्रश्नपत्र वितरित किया गया। ऐसा केवल इतिहास विषय मे ही नही अन्य विषयों में भी हुआ और इसी वजह से आयोग को हिंदी विषय की परीक्षा भी रद्द करनी पड़ी। अभ्यर्थियों ने बताया कि आयोग द्वारा जारी उत्तर कुंजी (Answer Key) में भी अनेक गलत उत्तर थे, जिससे मूल्यांकन की प्रक्रिया पर गम्भीर सवाल खड़े होते हैं।