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Faridabad NCR

गरीब का खून पानी नहीं है, सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे : राजेश खटाना

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : लॉयर्स सोशल जस्टिस फोरम के अध्यक्ष एडवोकेट राजेश खटाना ने अवैध कालोनियों में हो रही तोड़फोड़ के खिलाफ आज आवाज उठाई। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैं अतिक्रमण या अवैध कब्जे के पक्ष में नहीं हूं लेकिन गरीब लोगों के सिर की छत जिस प्रकार से छीनी जा रही है, वह तरीका गलत है। उन्हें ना कोई नोटिस दिया जा रहा है और ना ही कोई मोहलत दी जा रही है जबकि उन्होंने यह निर्माण अपनी मेहनत की कमाई की एक-एक पाई जोड़कर किए हैं। जिनके बारे में तत्कालीन अधिकारियों को सब पता है। इन अधिकारियों ने बिल्डर लॉबी के साथ मिलकर मलाई खाई और गरीबों को सपने दिखाकर उनकी मेहनत की कमाई यहां लगवा दी। आज यह अधिकारी उन्हें कानून बता रहे हैं।
एडवोकेट खटाना ने कहा कि गरीबों के सर से छत उजाड़ने का जो यह काम जारी है इसे वह किसी हालत में नहीं होने देंगे। वह इसे रुकवाने के लिए, सामाजिक न्याय की गुहार लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सब पता होता है। उनकी नाक के नीचे और उनकी मर्जी से सब निर्माण हुए हैं। इसलिए जो तत्कालीन अधिकारी रिटायर हो गए हैं उनकी पेंशन से और जो नौकरी में हैं उनकी तनख्वाह से पैसे काटकर इन गरीब मजलूम के नुकसान की भरपाई की जाए।
एडवोकेट राजेश खटाना ने कहा कि आज फरीदाबाद में जिस प्रकार से तोड़फोड़ की जा रही है, उसमें अधिकांश हिस्सा प्रवासी नागरिक का है जिसका इस शहर के विकास में बड़ा योगदान है लेकिन उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कालोनियां इसलिए भी विकसित होती हैं क्योंकि सरकार कालोनियां विकसित नहीं करती है। यदि सरकार खुद कालोनियां विकसित करे और उनकी कीमत जायज रखे तो गरीब आदमी भी वैध घर में रह सकेगा। खटाना ने सवाल उठाया कि जब एक अवैध कॉलोनी बसाकर बिल्डर पैसे कमा सकता है तो सरकार क्यों नहीं कमा सकती। सरकार को यह घाटे का सौदा क्यों लगता है।

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