Faridabad Hindustanabtak.com/DineshBhardwaj : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि विद्यार्थियों को स्कूली स्तर पर कौशल शिक्षा प्रदान करना अत्यंत जरूरी है। कौशल में विद्यार्थियों की बुनियाद मजबूत कर हम उन्हें वैश्विक स्पर्धा के लिए तैयार कर सकते हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने इसी उद्देश्य से देश के पहले इनोवेटिव स्किल स्कूल की स्थापना की है। वह श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल की दाखिला प्रक्रिया प्रारंभ करते हुए बोल रहे थे।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने कौशल के क्षेत्र में युवाओं की बढ़ती मांग और वैश्विक स्पर्धा को देखते हुए देश में यह अपनी तरह का पहला इनोवेटिव स्किल स्कूल स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि कन्वेंशनल शिक्षा का दौर अब पीछे छूट रहा है। अब इनोवेटिव और स्किल आधारित शिक्षा का दौर है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल इसका मॉडल है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि हमारा यह मॉडल हर तरह से सफल रहा है। हमने बच्चों को नौंवी कक्षा से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, हेल्थ केयर, ऑटोमोटिव, ब्यूटी और वैलनेस, फिजिकल एक्टिविटी ट्रेनर, इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी, मल्टी स्किल फाऊंडेशन और फूड प्रोडक्शन जैसे विषय पढ़ाने शुरू किए हैं। यह सभी विषय करियर ओरिएंटेड हैं और विद्यार्थी इन्हें दिलचस्पी के साथ पढ़ और सीख रहे हैं। पिछले साल के परीक्षा परिणाम में कई बच्चों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय में 100 में से 100 अंक प्राप्त कर इसका सुखद प्रमाण प्रस्तुत किया। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत लागू किए गए यह विषय विद्यार्थियों के लिए काफी मुफीद साबित हो रहे हैं। यह इनोवेटिव सब्जेक्ट पढ़ कर विद्यार्थी जब ग्रेजुएशन स्तर पर पहुंचेंगे, उस समय वह अन्य सामान्य विद्यार्थियों की अपेक्षा काफी पारंगत हो चुके होंगे। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि इस क्षेत्र में देश का पहला कौशल विश्वविद्यालय स्थापित होने का यह अनुपम लाभ स्कूली विद्यार्थियों को भी मिलना चाहिए। इसी उद्देश्य से यह देश का पहला इनोवेटिव स्किल स्कूल लोकप्रिय हो रहा है। गत वर्ष सभी कक्षाओं में शत प्रतिशत परिणाम लाने पर कुलपति डॉ. राज नेहरू ने प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह की सराहना की।
प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह ने कहा कि हमने विद्यालय में साइंस लैब, कंप्यूटर लैब से लेकर स्किल लैब स्थापित की हैं। देश के पहले इनोवेटिव स्किल स्कूल का उद्देश्य विद्यार्थियों को अपने हाथ से प्रोजेक्ट करके सिखाना है। उन्होंने बताया कि 11 अप्रैल तक आवेदन किए जा सकते हैं। डॉ. जलबीर सिंह ने कहा कि नई पीढ़ी को स्किल की ओर आकर्षित करना और उन्हें कौशल में पारंगत बना कर सफलता की ओर बढ़ाना हमारा उद्देश्य है।