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मां सरस्वती की अराधना एवं ज्ञान के महापर्व को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है : धर्मबीर भड़ाना

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 4 फरवरी। माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी को ज्ञान की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि वाग्देवी मां सरस्वती की आराधना और ज्ञान के महापर्व को वसंत पंचमी के रूप में जाना जाता है। इसी उपलक्ष में आज आम आदमी पार्टी ने एनआईटी विधानसभा में आयोजित सरस्वती पूजा में शिरकत की और माता रानी का आर्शीवाद प्राप्त किया। इस मौके पर आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष धर्मवीर भड़ाना ने बताया कि वसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा माना जाता है। सभी ऋतुएं अपने क्रम में आती हैं, शीत ऋतु का जब समापन होता है तो वसंत का आगमन होता है। हर साल माघ मास की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी की त्यौहार मनाया जाता है। उन्हाने बताया कि ये उत्सव वसंत ऋतु के आगमन का उत्सव होता है। मान्यता है कि सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्म के मुख से वसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। इसी वजह से ज्ञान के उपासक सभी लोग वसंत पंचमी के दिन अपनी आराध्य देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। इस अवसर पर जिला सचिव भीम यादव एवं एनआईटी विधानसभा अध्यक्ष राकेश कुमार ने मां सरस्वती की अराधना करते हुए कहा कि बसंत पंचमी के मौके पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है। भारतीय सनातन धर्म में इस त्यौहार का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का बहुत अधिक महत्व होता है। शास्त्रों में बसंत पंचमी को सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में माना जाता है। इस मौके पर हितेश पालता, डॉक्टर अशोक यादव, विक्रम सिंह आदि मौजूद रहे।
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