Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 34 वे सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला का आज छठा दिन था। जैसे जैसे दिन की शुरुआत हुई वही बड़ी चौपाल पर पंजाबी गायक कर्मराज कर्मा ने अपने स्वरों से सभी के दिलों में राज करना शुरू कर दिया। जी हां, पड़ोसी राज्य पंजाब से आए पंजाब पुलिस कल्चरल ट्रूप में बतौर इंचार्ज कार्यरत कर्मराज कर्मा जैसे ही चौपाल पर गाना शुरू किया धीरे धीरे भीड को अपनी तरफ खींचते चले गए। पंजाब के जिला संगरूर के गांव लहरा गागा मे सरदार मंजीत सिंह व अमरजीत कौर के घर मे जन्मे कर्मराज कर्मा ने जैसे ही अपनी गायकी के साथ साथ शेरो शायरी की शुरुआत की वैसे ही युवाओं व पर्यटकों का मन मोह लिया। कर्म राज कर्मा ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें गायकी का शौक स्कूल में होने वाली बाल सभा के दौरान लगा।
धीरे-धीरे स्कूल के अध्यापक व छात्रों को कर्मा के गायकी का पता चला तो उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल की सेवानिवृत्ति पर सारे स्कूल के सामने गाया। वहीं से सफर की शुरुआत हुई। कॉलेज में पढ़ने के दौरान एक महोत्सव में गायकी की। जहां मदनजीत सिंह एसपी पंजाब पुलिस ने कर्म राज कर्मा को पंजाब पुलिस में भर्ती होने की पेशकश की और कर्म राज कर्मा पंजाब पुलिस में कार्यरत हो गए। जैसे ही आगे बढ़े तो उनकी मुलाकात पंडित जवाहरलाल शर्मा से हुई जहां उन्होंने अपनी संगीत विद्या लेनी शुरू की और उनको गुरु बना लिया। उनके इस कल्चर ग्रुप के अध्यक्ष आर एंन ढोहके, डायरेक्टर पम्मी बाई व डिप्टी डायरेक्टर एस. आर शर्मा उनको ऐसे कार्यक्रमों में प्रस्तुति देने के लिए पूरा प्रोत्साहित करते रहे हैं।
पिछले लगभग 20 सालों से कर्म राज कर्मा सूरजकुंड मेले में गायकी करते आ रहे हैं और अकसर गायकी से सभी का दिल जीत लेते हैं।
उनके इस कल्चरल ग्रुप में लगभग 19 पुलिस अफसर हैं जिनमें से 16 अफसर सूरजकुंड में अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। कर्म राज कर्मा पंजाबी फिल्मों मे मिंदो तहसीलदारनी और लुकन मिच्ची मे काम कर चुके हैं। उनकी तीन फिल्में वू मैं डरगी, लड्डू बर्फी और डिफाल्टर आना बाकी है। करमराज कर्मा पंजाबी गानों की बिकन मसूका गली गली और मसला कश्मीर व एक धार्मिक ट्रैक कुर्बानी साहिबजादयां दी व पंजाबी गानों की आने वाली दो एल्बम में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि कॉलेज के समय में पंजाब के मशहूर कॉमेडियन एम.पी भगवंत मान भी उन्हीं के साथ पड़े हैं। पंजाबी फिल्मों में पंजाबी अभिनेता करमजीत अनमोल ने राह दिखाई। उन्होंने बताया कि जो जोश और आनंद सूरजकुंड मेले में मिलता है वह एक यादगार यादें दिल और दिमाग में बन जाती हैं। निगाहों में मंजिल थी
गिरे और गिरकर संभलते रहे हवाओं ने बहुत कोशिश की मगर चिराग आंधियों में भी जलते रहे ऐसी शायरी का एक उदाहरण खुद कर्म राज कर्मा है।