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Chandigarh

बिना वैकल्पिक व्यवस्था के खोरी और लकड़पुर के गरीब मजदूरों को ना उजाड़ा जाए : डॉ सुशील गुप्ता

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Chandigarh Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 09 जून। राज्य सभा सांसद एवं आम आदमी पार्टी हरियाणा के सहप्रभारी डॉ सुशील गुप्ता ने कहा है कि अरावली पहाड़ियों पर जंगल की जमीन पर फरीदाबाद के गावं खोरी और लकड़पुर में बने 10 हज़ार निर्माणों को ढाहने से पहले प्रदेश सरकार उनके वैकल्पिक पुनर्वास की व्यवस्था करे। उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं तथा और नगर निगम को इन आदेशों की पालना भी करनी चाहिए लेकिन माननीय सर्वोच्च अदालत ने इन लोगों की पुनर्वास की व्यवस्था के लिए मना नहीं किया है। इसलिए सरकार समय से पहले ही सभी के वैकल्पिक पुनर्वास की व्यवस्था करने के अपने वायदे को पूरा करे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उन भूमाफियों पर भी कार्यवाही करें जो इन भोले भाले लोगों को अपने जाल में फंसा कर इस जंगल की जमीन को इन्हें बेच कर रफूचककर हो गए। उन्होंने कहा की इन गरीबों ने अपनी पूरी जिंदगी भर की कमाई की पूँजी को लगा कर प्रॉपर्टी डीलरों को पैसे देकर जमीनों को खरीदा था तथा उसके बाद ही ये आशियाने बनाये थे। उन्होंने कहा की इतना ही नहीं सरकार ने जहां इन निर्माणों में बिजली के कनेक्शन दिए वहीँ इन्हें राशन कार्ड एवं अन्य सुविधाएँ भी मुहैया कराई। इसके अलावा यहाँ के निवासी बिजली बिल सहित नगर निगम के सभी करों का भुगतान भी कर रहे हैं। उन्होंने सवाल खड़े किये कि जब इन गरीबों के आशियाने बन रहे थे तब तो यही नगर निगम के अधिकारी अपनी जेबें गर्म करके चले जाते थे, तब नगर निगम प्रशासन कहाँ था ? उन्होंने कहा कि यहाँ के अधिकतर निवासी गरीब तबके के हैं तथा मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं ऊपर से कोरोना महामारी के चलते पिछले डेढ़ साल से इनके काम धंधे भी चौपट हो चुके हैं। हालात ये हैं कि इन्हें दो जून की रोटी के लाले भी पड़े हुए है, अगर वैकल्पिक व्यवस्था किये बिना इन्हें उजाड़ दिया तो ये लोग बर्बाद हो जायेगें

उन्होंने जिला प्रशासन एवं भाजपा सरकार पर गरीब एवं अमीर के हिसाब से दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी अलग-अलग तरीके से अमल में लाती है। जब सुप्रीम कोर्ट आदेश जारी करता है तो जिला प्रशासन एवं भाजपा सरकार अमीरों द्वारा बनाये गए बड़े-बड़े फार्म हाउस, व्यवसायिक बिल्डिंगें बनाने वालों पर कार्यवाही न कर आंखें बंद कर लेती है। अमीर बिल्डरों द्वारा अरावली वन क्षेत्र को जमकर उजाड़ा जाता है,लॉकडाउन में भी पहाड़ में जमकर पत्थर तोड़े गए, पेड काटे गए और अवैध रूप से फार्म हाउस एवं बिल्डिंगें बनाई गई। तो जिला प्रशासन ने आँखें मूँद लीं। वहीं,जब सुप्रीम कोर्ट गांव खोरी में कार्यवाही के निर्देश देता है, तो इन गरीबों को बिना वैक्लपिक व्यवस्था किये प्रशासन और सरकार के नुमाइंदों ने साथ इन गरीब,मजदूर लोगों को उजाड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। उन्होंने कहा कि बड़े बड़े फार्म हाउसों पर इसलिए कार्यवाही नहीं होती की ये ज्यादातर अधिकारीयों एवं सत्ता पक्ष के नेताओं के हैं। जो की फरीदाबाद की अमूल्य धरोहर को लूटने में लगे हैं।
उन्होंने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर अमल करते हुए पहले बड़े बड़े फार्म हॉउस एवं बड़ी बड़ी बिल्डिंगों को गिराया जाये तथा खोरी और लकड़पुर के गरीबों को वैकल्पिक व्यवस्था करके जमीन को खाली कराया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि फरीदाबाद में लाखों ऐसे फ्लेट खाली पड़े हैं जो बिना मरम्मत के खण्डर में तब्दील हो रहे हैं इसलिए इन लोगों को फिलहाल इन फ्लैटों में रहने की इजाजत दी जाए।
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