Chandigarh
बिना वैकल्पिक व्यवस्था के खोरी और लकड़पुर के गरीब मजदूरों को ना उजाड़ा जाए : डॉ सुशील गुप्ता
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उन भूमाफियों पर भी कार्यवाही करें जो इन भोले भाले लोगों को अपने जाल में फंसा कर इस जंगल की जमीन को इन्हें बेच कर रफूचककर हो गए। उन्होंने कहा की इन गरीबों ने अपनी पूरी जिंदगी भर की कमाई की पूँजी को लगा कर प्रॉपर्टी डीलरों को पैसे देकर जमीनों को खरीदा था तथा उसके बाद ही ये आशियाने बनाये थे। उन्होंने कहा की इतना ही नहीं सरकार ने जहां इन निर्माणों में बिजली के कनेक्शन दिए वहीँ इन्हें राशन कार्ड एवं अन्य सुविधाएँ भी मुहैया कराई। इसके अलावा यहाँ के निवासी बिजली बिल सहित नगर निगम के सभी करों का भुगतान भी कर रहे हैं। उन्होंने सवाल खड़े किये कि जब इन गरीबों के आशियाने बन रहे थे तब तो यही नगर निगम के अधिकारी अपनी जेबें गर्म करके चले जाते थे, तब नगर निगम प्रशासन कहाँ था ? उन्होंने कहा कि यहाँ के अधिकतर निवासी गरीब तबके के हैं तथा मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं ऊपर से कोरोना महामारी के चलते पिछले डेढ़ साल से इनके काम धंधे भी चौपट हो चुके हैं। हालात ये हैं कि इन्हें दो जून की रोटी के लाले भी पड़े हुए है, अगर वैकल्पिक व्यवस्था किये बिना इन्हें उजाड़ दिया तो ये लोग बर्बाद हो जायेगें
उन्होंने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर अमल करते हुए पहले बड़े बड़े फार्म हॉउस एवं बड़ी बड़ी बिल्डिंगों को गिराया जाये तथा खोरी और लकड़पुर के गरीबों को वैकल्पिक व्यवस्था करके जमीन को खाली कराया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि फरीदाबाद में लाखों ऐसे फ्लेट खाली पड़े हैं जो बिना मरम्मत के खण्डर में तब्दील हो रहे हैं इसलिए इन लोगों को फिलहाल इन फ्लैटों में रहने की इजाजत दी जाए।