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Faridabad NCR

मॉक ड्रिल का उद्देश्य था विभागों की तत्परता को परखना : सीईओ जिला परिषद शिखा

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 01 अगस्त। फरीदाबाद जिले में आज ‘सुरक्षा चक्र’ नामक एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसका संचालन हरियाणा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। यह मॉकड्रिल उपायुक्त विक्रम सिंह के मार्गदर्शन, एडीसी सतबीर मान के निर्देश और सीईओ जिला परिषद शिखा के दिशा-निर्देशानुसार जिले की पाँच चिन्हित जगहों पर सम्पन्न हुई। मॉकड्रिल का मूल उद्देश्य आपदा के समय आपदा प्रबंधन कर्मियों की क्षमता व तत्परता की जांच करना होता है साथ के साथ कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों को भी आपदा से निपटने के लिए क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इस बात की जानकारी दी गई।

सीईओ जिला परिषद शिखा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन द्वारा संभावित आपदा स्थितियों से निपटने की तत्परता जांचने हेतु आज जिले के चिन्हित पांच प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर सेक्टर-12 लघु सचिवालय, राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय, नजदीक बड़खल तहसील, राजा नाहर सिंह महल बल्लभगढ़, बी के सिविल हॉस्पिटल, फरीदाबाद, और अडानी गैस सेक्टर-88 में  ‘सुरक्षा चक्र’ नामक एक दिवसीय मॉक ड्रिल का आयोजन किया है। जिसमें स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स/ एनडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य, अग्निशमन, सिविल डिफेंस/ होमगार्ड, रेडक्रॉस की क्विक रिस्पांस टीमों ने भाग लिया। एनडीआरएफ की बटालियन टीम के सदस्यों द्वारा आपदा प्रबंधन को लेकर मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया। इस पूर्वाभ्यास में लाखों लोगों की आवाजाही वाले ऐसे स्थानों को चुना गया, जहां आगजनी, शॉर्ट सर्किट, भगदड़, आपसी झगड़े अथवा अन्य अप्रिय घटनाएं घटित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि आपदा की स्थिति में सभी विभाग समय पर, समन्वित रूप से कार्य करें तथा अपनी तैयारियों की वस्तुनिष्ठ समीक्षा कर सकें। उन्होंने बताया कि इस मॉक ड्रिल के माध्यम से सभी प्रतिभागी विभागों ने अपनी प्रक्रियाओं और रेस्पॉन्स टाइम की जांच की और यह सुनिश्चित किया कि यदि भविष्य में कोई अप्रिय घटना घटती है तो उससे प्रभावी रूप से निपटा जा सके।

पूर्वाभ्यास के दौरान अग्निशमन विभाग द्वारा आग लगने की स्थिति को दर्शाते हुए अग्निशमन कार्यवाही का प्रदर्शन किया गया। सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों ने खोज और बचाव (सर्च एंड रेस्क्यू) कार्य में भाग लिया। एसडीआरएफ के जवानों ने आपदा प्रबंधन में प्रयुक्त होने वाले आधुनिक यंत्रों का प्रदर्शन किया और उनके उपयोग की विस्तृत जानकारी दी। वहीं, बीके सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने “ट्राएज” पद्धति के तहत एक साथ बड़ी संख्या में घायलों को प्राथमिक चिकित्सा देकर एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल तक पहुंचाया। इस मॉक ड्रिल में कोई वास्तविक हानि या घायल होने की सूचना नहीं है। हालांकि, परिदृश्य के तहत कई “घायलों” को बचाकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया, उन्हें प्राथमिक सहायता दी गई और मेडिकल इवैक्यूएशन की कार्यवाही भी की गई।

पूर्वाभ्यास में सभी विभागों और एजेंसियों के मध्य बेहतर समन्वय देखने को मिला, जिससे यह संकेत मिला कि संभावित आपदा की स्थिति में जिला प्रशासन एवं संबंधित टीमें पूरी तरह सक्षम और तैयार हैं।

एक दिवसीय मॉक ड्रिल में एसडीएम अमित कुमार, डीसीपी उषा कुंडू, सीटीएम अंकित कुमार सहित अन्य सभी संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।

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