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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : सेक्टर-12 स्थित श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के मंच पर शनिवार रात रामायण के बेहद मार्मिक और महत्वपूर्ण प्रसंगों का मंचन किया गया। दर्शकों ने सांसें थामे वह पल देखा, जब अयोध्या के युवराज राम को वनवास के लिए राजमहल छोड़ना पड़ा। सीता और लक्ष्मण के साथ राम के त्याग और धर्मनिष्ठा को मंच पर जिस तरह प्रस्तुत किया गया, उसने दर्शकों की आंखें नम कर दीं।
राम के वनगमन के बाद दशरथ के वियोग में विलाप और अंततः उनके मरण के दृश्य ने पूरा पंडाल भावुक कर दिया। दशरथ का अभिनय कर रहे कलाकार ने पीड़ा और असहायता को जिस प्रभावशाली ढंग से व्यक्त किया, वह दर्शकों के दिल को छू गया।
इसके साथ ही राम और मल्लाह के मिलन का दृश्य भी प्रस्तुत किया गया। मल्लाह द्वारा राम, सीता और लक्ष्मण को गंगा पार कराने का भावपूर्ण प्रसंग सामाजिक समरसता और भक्ति की मिसाल के रूप में दर्शकों के सामने आया।
शनिवार के मंचन में भरत के ननिहाल से लौटने और पिता के निधन का समाचार सुनने का प्रसंग भी शामिल किया गया। भरत की व्यथा और भाई के प्रति प्रेम को कलाकारों ने प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया।
मंचन के दौरान पंडाल में बैठी जनता कई बार भावुक होकर तालियां बजाती रही। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि आगे के दिनों में सीता हरण, सुग्रीव-हनुमान मिलन और रावण-वध जैसे रोचक दृश्य प्रस्तुत किए जाएंगे। इस तरह शनिवार का मंचन श्रद्धा, भक्ति और भावनाओं का अनोखा संगम बनकर दर्शकों की स्मृतियों में बस गया।