Faridabad NCR
सेवक को सर्वोपरि फल प्राप्त होता है : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : श्री सिद्धदाता आश्रम में श्री हनुमान जयंती बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर आश्रम के अधिपति जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने कहा कि हनुमान जी सेवा के पर्याय हैं। जो सेवा करता है उसे ऋषि मुनियों से भी अधिक फलों की प्राप्ति होती है।
श्री गुरु महाराज ने कहा कि सेवा के बल पर श्री हनुमान जी को अजर अमर होने का वरदान मिला। लेकिन सेवादार को विनम्र, विनयशील होना चाहिए। सेवादार 24 घंटे सेवा के लिए सहर्ष तैयार रहें। मेरे स्वामी कैसे प्रसन्न होंगे, उस सेवा के लिए हमेशा तैयार रहें। ऐसी ही सेवा हनुमान जी ने की। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि अयोध्या आने के बाद विभीषण, जामवंत, सुग्रीव आदि सभी वापिस लौट गए। लेकिन हनुमान जी नहीं लौटे। अब सब सोचें कि हनुमान को कौन कहे, जाने के लिए। लक्ष्मणजी, भरतजी, सीताजी सभी ने अपने हाथ खड़े कर दिए कि वह हनुमानजी को जाने के लिए नहीं कहेंगे।
तब श्रीरामचन्द्र जी ने कहा कि मैं हनुमान को कुछ पुरस्कार दे दूंगा, तब वह चले जाएंगे। उन्होंने हनुमान से पूछा कि मैंने सबको कुछ न कुछ दिया है। बताओ तुम्हें क्या चाहिए। इस पर हनुमान जी ने भगवान से उनके दोनों चरण कमलों की सेवा मांग ली। आज उनका नाम भगवान के सर्वोच्च सेवादारों में लिया जाता है। इसलिए हमें हनुमान जी से सीख लेनी चाहिए कि सेवा पूरे भाव से करें। सेवा करने वाले पर भगवान कभी कष्ट नहीं आने देते।
इस अवसर पर स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने सविधि हनुमान जी की प्रतिमा का अभिषेक किया और सभी भक्तों को प्रसाद एवं आशीर्वाद प्रदान किया। वहीं सभी ने भोजन प्रसाद भी प्राप्त किया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में मौजूद भक्तों ने विशाल शोभायात्रा में कलशों, ढोल नगाड़ों के साथ भागीदारी की।