Faridabad NCR
विश्व का नया, बिना सर्जरी वाला एट्रियल लीडलेस पेसमेकर अब SSB Hospital, Faridabad में क्षेत्र में पहली बार सफल प्रत्यारोपण
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 80 वर्षीय महिला, जिन्हें पिछले 6 महीनों से धड़कन तेज होना, सांस फूलना और घबराहट (palpitations, breathlessness & ghabrahat) की शिकायत थी, की जांच में टैकी-ब्रैडी सिंड्रोम पाया गया एक ऐसी स्थिति जिसमें हृदय की धड़कन कभी बहुत तेज और कभी खतरनाक रूप से धीमी हो जाती है।
उनकी हार्ट रेट 35–40 प्रति मिनट तक गिर रही थी, जिसके लिए पेसमेकर लगाना आवश्यक था।
लेकिन बढ़ती उम्र, ऑस्टियोपोरोसिस, ब्लड थिनर और डायबिटीज के कारण पारंपरिक पेसमेकर लगाने पर सर्जरी स्थल पर खून बहने व संक्रमण का अधिक खतरा था। इसलिए विश्व में हाल ही में लॉन्च किए गए नए एट्रियल लीडलेस पेसमेकर का उपयोग किया गया, जिसमें न तो कोई लीड लगानी होती है और न ही कॉलर बोन के नीचे पेसमेकर बॉक्स रखना होता है।
यह एक कैप्सूल आकार का छोटा उपकरण है, जिसे केवल ग्रॉइन (जांघ) की नस से एक छोटे से छेद के द्वारा हृदय में पहुँचाया जाता है बिल्कुल एंजियोग्राफी की तरह। दुनिया में अभी तक बहुत कम मरीजों में यह नई तकनीक इस्तेमाल हुई है।
SSB Hospital, Faridabad में, डॉ. एस. एस. बंसल, डॉ. सिद्धांत बंसल, डॉ. पंकज इंगल आदि की टीम ने क्षेत्र में पहली बार यह लीडलेस एट्रियल पेसमेकर सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया।
इस अत्याधुनिक तकनीक के प्रमुख लाभ:
✔️ सिर्फ पैर की नस (फेमोरल वेन) में एक छोटा-सा छेद
✔️ छाती पर कोई कट नहीं, कोई सर्जिकल पॉकेट नहीं, कोई निशान नहीं
✔️ संक्रमण का बेहद कम जोखिम
✔️ पेसमेकर एक बड़ी कैप्सूल जितना छोटा, जो सीधे हृदय के अंदर बैठता है
✔️ मरीज को अगले ही दिन अस्पताल से छुट्टी
यह तकनीक विशेष रूप से बुजुर्ग, कमजोर और पारंपरिक सर्जरी सहन न कर पाने वाले मरीजों के लिए आदर्श विकल्प है।
SSB Hospital लगातार फरीदाबाद में विश्व-स्तरीय हृदय उपचार उपलब्ध कराने में अग्रणी है।
