Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 4 जनवरी। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए फरीदाबाद द्वारा फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी पर आयोजित किये जा रहे 10वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईएसएफटी-2024) को लेकर पहले दिन देश के विभिन्न हिस्सों एवं विदेशों से पहुंच रहे प्रतिनिधियों का पंजीकरण किया गया और यह प्रक्रिया देर सायं तक जारी रही। सम्मेलन के संयोजक प्रो. विक्रम सिंह ने सम्मेलन को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा भी की।
सम्मेलन के विभिन्न सत्रों के आयोजन के लिए छह स्थलों को तैयार किया गया है, जिनमें विश्वविद्यालय का विवेकानंद सभागार, शकुंतलम सभागार, मल्टीमीडिया हाल, सम्मेलन कक्ष के अलावा विभागीय सम्मेलन कक्ष शामिल हैं।
सम्मेलन का उद्घाटन सत्र 5 जनवरी को सुबह 10 बजे शुरू होगा, जिसमें हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के कुलपति डॉ. टंकेश्वर कुमार मुख्य अतिथि रहेंगे तथा डाइकिन इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री कंवल जीत जावा सम्मानित अतिथि होंगे तथा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर सत्र की अध्यक्षता करेंगे और सत्र को संबोधित करेंगे। उद्घाटन सत्र को डॉ. वारुनी श्रीसॉन्गक्रम, आरएमयूटी, थाईलैंड, लेक जी कडेली, यूनाइटेड स्टेट्स एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी, अमेरिका, प्रो. श्रीकांत बी जोनलागड्डा, क्वाजुलु-नटाल विश्वविद्यालय, दक्षिण अफ्रीका, प्रो. दिनेश कुमार, कुलपति, गुरूग्राम विश्वविद्यालय, गुरूग्राम, और डीटीयू, दिल्ली के प्रोफेसर नवीन कुमार भी संबोधित करेंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की एलुमनी एसोसिएशन वाईसीएमए माॅब के अध्यक्ष सुखदेव सिंह भी उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन सत्र में सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया जाएगा।
सम्मेलन में भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अलावा अमेरिका, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, इटली, जापान, ईरान, जर्मनी, पुर्तगाल और ब्राजील जैसे देशों से भी प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है। इस सम्मेलन अंतःविषय अनुसंधान पर केन्द्रित रहेगा और मुख्य चर्चा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में फ्यूजन द्वारा भविष्य की प्रौद्योगिकी तथा नये अनुसंधान पर होगी।
सम्मेलन के लिए विभिन्न देशों से पहुंच रहे आमंत्रित वक्तों में अमेरिका की युनिवर्सिटी आफ फ्लोरिडा से प्रो. राजीव दूबे, प्रो. स्टीफन सुंदर राव तथा प्रो. अजीत मजुमदार, युनिवर्सिटी आफ क्वाजुलु-नटाल, साउथ अफ्रीका से श्रीकांत बी जोनागलगड्डा, बाबुल नोशिरवानी युनिवर्सिटी आफ टेक्नोलाॅजी, ईरान से प्रो. घासेम नजफपुर, प्रो. ए.ए. घोरेशी और प्रो. मुस्तफा रहीमनेजाद, अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी प्रो अंकित अग्रवाल, अमेरिका की युनिवर्सिटी आफ नाॅर्थ टेक्सास से डाॅ सुमन निरंजन, अमेरिका की एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी से लेक जी कडेली, अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से प्रेस्टन लस्ट, युनिवर्सिटी आफ केलेबरी, इटली से डाॅ. सुदीप चक्रबती, आईआईएम इंदौर से डॉ. प्रशांत सलवान, बैंकॉकथॉनबुरी युनिवर्सिटी, थाईलैंड से डाॅ. नपत वत्जतेपिन, साओ पाउलो युनिवर्सिटी, ब्राजील से डॉ. अनुज के. चंदेल, डॉ. सुंदरराजन परानी, सुंगक्यंकवान विश्वविद्यालय, दक्षिण कोरिया, इंस्टीट्यूट एडवांस एनर्जी, क्योटो युनिवर्सिटी, जापान से डॉ. ईजी नकाटा, अमेरिका युनिवर्सिटी आफ नाॅर्थ टेक्सास से विपुल गर्ग और अमेरिका की मेलानी लस्ट फोटोग्राफी से मेलानी लस्ट शामिल हैं।
सम्मेलन तकनीकी सत्रों के दौरान जिन विषयों पर चर्चा होगीे, उनमें मुख्यः रूप से मैकेनिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एवं इंफाॅर्मेशन टेक्नोलाॅजी, एडवांस मैटीरियल, साइंट एवं टेक्नोलाॅजी, मैनेजमेंट, बायोटेक्नोलाॅजी, सिविल, एनवायरमेंट इंजीनियरिंग एवं आर्किटेक्चरल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्राॅनिक्स इंजीनियरिंग, कैमिकल इंजीनियरिंग एवं पाॅलीमर साइंस से संबद्ध क्षेत्र शामिल हैं। सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों तथा विदेशों से लगभग 300 प्रतिभागी हिस्सा लेने का अनुमान है। सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाले 10 तकनीकी सत्र, चार प्लेनरी सत्र तथा एक पोस्टर सत्र में लगभग 250 शोधकर्ताओें के 200 से ज्यादा शोध पत्र रखे जायेंगे।
सम्मेलन के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित नई तकनीकी एवं उपकरणों की एक प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी, जोकि सम्मेलन का मुख्य आकर्षण होगी। सम्मेलन से संबंधित जानकारी वेबसाइट विश्वविद्यालय की वेबसाइट
www.jcboseust.ac.in पर उपलब्ध करवाई गई है।