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Faridabad NCR

तीन दिवसीय इंडोगमा फिल्म महोत्सव, 2022 का शुभारंभ, पहले दिन क्षेत्रीय और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों की हुई स्क्रीनिंग

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 16 नवंबर। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग को तेजी से बढ़ते उद्योग क्षेत्रों में से एक बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार के अपार अवसर पैदा करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए खुद को हुनरमंद बनाना होगा।
प्रो. तोमर विश्वविद्यालय के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग (सीएमटी) द्वारा सिनेमेहता प्रोडक्शंस के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय इंडोगमा फिल्म महोत्सव, 2022 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की प्रसिद्ध हस्ती तथा एशियन अकादमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन (एएएफटी) के संस्थापक अध्यक्ष श्री संदीप मारवाह सत्र में मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग, सीएमटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह मलिक, सिनेमहता प्रोडक्शंस के निदेशक श्री चंदन मेहता, और श्री मुकेश गंभीर भी सत्र में उपस्थित थे। इस अवसर पर इंडोगामा का थीम सॉन्ग भी लॉन्च किया जाएगा।
प्रो. तोमर ने आर्थिक रिपोर्टों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में मीडिया और मनोरंजन उद्योग 40 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है और अब विभिन्न डिजिटल माध्यमों के कारण इस उद्योग का दायरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल फिल्म उद्योग के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ा है बल्कि रोजगार के नए अवसर भी खुले हैं। उन्होंने कहा कि देश में एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा एक एवीजीसी प्रचार कार्य समूह का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि एवीजीसी क्षेत्र देश में रोजगार के लाखों नये अवसर सृजित करेगा।
सत्र को संबोधित करते हुए श्री संदीप मारवाह ने फिल्म महोत्सव के आयोजन को सराहनीय बताया तथा महोत्सव में छात्रों की भागीदारी की प्रशंसा की। उन्होंने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर मीडिया के छात्रों और संकाय सदस्यों को भी बधाई दी। उन्होंने फिल्म निर्माण में संवेदना तथा रचनात्मक सोच जैसे पहलुओं पर बल दिया। उन्होंने फिल्म निर्माण को एक कला बताते हुए कहा कि सिनेमाई ताने-बाने के निर्माण के लिए मीडिया और मनोरंजन महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सिनेमा और कुछ नहीं बल्कि हमारे समाज का प्रतिबिंब है।
इससे पहले इंडोगमा फिल्म फेस्टिवल के मुकेश गंभीर ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने तीन दिवसीय कार्यक्रम का संक्षिप्त परिचय दिया तथा इतने बड़े पैमाने पर महोत्सव का आयोजन करने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों की भी सराहना की।
इस अवसर पर जाने-माने लेखक और निर्देशक आशीष श्रीवास्तव ने कम बजट की फिल्म और डॉक्यूमेंट्री बनाने को लेकर विद्यार्थियों को उपयोगी टिप्स दिये। फिल्म फेस्टिवल के पहले दिन क्षेत्रीय और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी। सीएमटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह मलिक ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव के दौरान कई गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें क्षेत्रीय, एनिमेटेड और वृत्तचित्र फिल्मों की स्क्रीनिंग, मास्टर क्लास, पुरस्कार वितरण और मशहूर हस्तियों के साथ संवाद शामिल रहेगा।

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