Faridabad NCR
डी.ए.वी शताब्दी महाविद्यालय में त्रिदिवसीय ‘‘शिक्षक स्वाध्याय आनंदशाला’’ का आयोजन
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : भारतीय शिक्षण मंडल के संयुक्त तत्वाधान में डी.ए.वी शताब्दी महाविद्यालय के परिसर में ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म पर त्रिदिवसीय ‘‘शिक्षक स्वाध्याय आनंदशाला’’ का आयोजन किया गया। भारतीय शिक्षण मंडल, हरियाणा प्रान्त के शालेय प्रकल्प के अंर्तगत आयोजित इस ओरिएन्टेशन कार्यक्रम में तीन दिन तीन घंटे शिक्षकों ने शिक्षक, शिक्षण एवं शिक्षक-स्वाध्याय से जुड़े विभिन्न गूढ़ विशयों पर जानकारी हासिल की। इस आनंदशाला के शुभारम्भ पर अखिल भारतीय षिक्षण मंडल के प्रान्त मंत्री एवं डी.सी.डी.सी, एम.डी.यू रोहतक से प्रो. युद्ववीर सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहें। सी. बी.एल.यू भिवानी के रजिस्ट्रार और बी.एस.एम हरियाणा प्रांत के अध्यक्ष डाॅ. जितेन्द्र भारद्वाज के साथ अखिल भारतीय सह सम्पर्क प्रमुख और उत्तर क्षेत्र के पालक अधिकारी श्री पंकज नाफड़े जी भी इस आनंदशाला के उद्घाटन अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में उपस्थित हुए। भारतीय शिक्षण मंडल हरियाणा प्रांत कें राज्य सचिव इंजीनियर सुनील शर्मा के सहयोग से काॅलेज प्राचार्या डाॅ सविता भगत ने इस आनंदशाला की परिकल्पना को शिक्षकों को शिक्षक में और अधिक सुधार लाने हेतु तीन दिवसीय अभिमुखता कार्यक्रम की तर्ज़ पर जू़म प्लेटफाॅर्म पर आयोजित करने का निर्णय लिया। इस कार्यशाला में भारतीय शिक्षण मंडल हरियाणा प्रांत कें शालेय प्रकल्प के अखिल भारतीय सह – प्रमुख इंजीनियर सुब्रमन्या बी.ए ने तीनो दिन मुख्य वक्ता की भूमिका निभायी। कार्यक्रम के प्रथम दिन मुख्य अतिथि प्रो. युद्धवीर सिंह ने अपने वक्तव्य में शिक्षक स्वाध्याय की विस्तृत अवधारणा पर जानकारी देते हुए शिक्षकों को तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी। उन्होनें कहा कि एक शिक्षक को प्रतिस्पर्धा स्वयं से करनी चाहिए न कि दूसरों से। बी.एस.एम हरियाणा प्रांत- अध्यक्ष डाॅ. जितेन्द्र भारद्वाज ने मंडल के द्वारा शिक्षकों के स्वाध्याय के लिए आयोजित किये गये विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस अवसर पर अखिल भारतीय सह- सम्पर्क श्री पंकज नाफड़े ने भारतीयता और आत्मीयता की बात करते हुए शिक्षकों को सदैव अध्ययनरत रहने की सलाह दी। आनंदशाला के मुख्य वक्ता इंजीनियर सुब्रमन्या जी ने अपनी विशिष्ट शैली के माध्यम से युक्ताकारी, मुक्ताकारी और अर्थाकारी शिक्षा का वर्णन करते हुए विविधता को भारतीयता का महत्वपूर्ण अंग बताया। कार्यशाला के प्रथम दिन उन्होनें शिक्षकों के साथ वार्तालाप करके उन्हें शिक्षक होने की महत्ता, राश्ट्र- निर्माण में शिक्षकों की भूमिका और शिक्षक के उत्तरदायित्व से परिचय कराया। आनंदशाला के दूसरे दिन उन्होनें सभी शिक्षक प्रतिभागियों को 7 ग्रुप्स में बाँटकर ‘‘जीवन मूल्यों का विकास, राश्ट्रीयता का जागरण, भारतीय संस्कार एवं चरित्र निर्माण’’ जैसे विशयों पर समूह चर्चा करने के लिए कहा। वक्ता सुब्रमन्या जी ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर परिवर्तन लाने की आवश्यकता है और यह परिवर्तन एक शिक्षक ही ला सकता है। उन्होनें शिक्षकों को परिवर्तन की तकनीकियों से अवगत कराया। अन्तिम एवं तीसरे दिन मुख्य वक्ता ने शिक्षकों को सकारात्मक, कृतिशील, समयबद्ध और त्याग भाव से परिपूर्ण संकल्प की शक्ति के विशय में बताया। उन्होनें बताया कि एक शिक्षक को विष्व कल्याण के निर्माण हेतु संकल्प करना चाहिए। उन्होनें प्रत्येक शिक्षक को स्वयं के लिए, कक्षा, शाला, संगठन, समाज और शासन के लिए एक-एक संकल्प लेने को कहा। आनंदशाला के समापन समारोह में डिप्टी कमिश्नर, फरीदाबाद आई.ए.एस श्री यशपाल यादव मुख्य अतिथि थे। उन्होनें स्वयं जीवन में शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए अपनी समस्त उपलब्ध्यिों के लिए अपने गुरूजनों का आभार जताया। भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय महामंत्री डाॅ उमाशंकर पचैरी जी इस आनंदशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में अमंत्रित थे। उन्होनें शिक्षकों को स्वाध्याय के लिए अभिप्रेेरित करने के लिए डी.ए.वी शताब्दी महाविद्यालय द्वारा की गयी पहल की भूरि- भूरि प्रशंसा की। भारतीय शिक्षण मंडल के हरियणा प्रांत सचिव इंजीनियर सुनील शर्मा ने इस त्रिदिवसीय आनंदशाला के आयोजन में काॅलेज प्राचार्या डाॅ. सविता भगत एवं काॅलेज प्रशासन के हर सम्भव सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। समापन समारोह के अंत में डाॅ. सविता भगत ने सभी गणमान्य अतिथियों एवं समस्त शिक्षक प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए समय- समय पर इस प्रकार के ज्ञानवर्धक, उत्साहवर्धक, सृजनात्मक एवं रोचकता से परिपूर्ण कार्यक्रमों के आयोजन का आश्वासन दिया। शिक्षक स्वाध्याय के माध्यम से शिक्षण पद्धतियों में सुधार लाने और राश्ट्र निर्माण हेतु निरन्तर अध्ययन करने के लिए महाविद्यालय के लगभग 90 से भी अधिक शिक्षकों ने इस आनंदशाला में भाग लिया। बी.एस.एम के साथ मिलकर काॅलेज परिसर में इस आनंदशाला के आयोजन को सुचारू रूप से गति प्रदान करने में भारतीय शिक्षण मंडल हरियाणा प्रांत के शालेय प्रकल्प में सह-प्रमुख राकेश कुमार श्योराण और काॅलेज के वाणिज्य विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर बिंदु राॅय की महत्वपूर्ण भूमिका रही। ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म पर इस आयोजन के तकनीकी पक्ष में मि. दिनेश कुमार का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में संचालक की भूमिका श्री राकेश कुमार श्योराण, श्रीमती बिंदु राॅय और श्री मती रेखा शर्मा ने निभाई। कार्यक्रम निश्चित रूप से शिक्षकों के मन पर स्वाध्याय की अमिट छाप छोड़ गया।