Faridabad NCR
थैम्बोलाइसिस तकनीक स्ट्रोक का कारगर इलाज : डा. दिव्या गोयल
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : एस.एस.बी हार्ट एवं मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल की सीनियर चिकित्सक एवं एच.ओ.डी. डा. दिव्या गोयल ने कहा कि मौजूदा समय में स्ट्रोक के मामले निरंतर बढ़ रहे है, ऐसे में हमें सावधानी रखते हुए अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मरीज को स्ट्रोक आने के कारण दिमाग में खून जाना बंद हो जाता है, प्रत्येक छह सेकेंड में एक व्यक्ति स्ट्रोक से पीडि़त होता है। वल्र्ड स्ट्रोक डे के अवसर पर डा. दिव्या गोयल ने बताया कि स्ट्रोक की पहचान करना सरल है, जैसे मरीज का मुंह टेडा होना, बातचीत में अस्पृश्टता, हाथ-पैरों में कमजोरी, चक्कर आना और उल्टी होना है। जब मरीज को स्ट्रोक आता है, तब ये चीजें अचानक से होने लगती है। डा. गोयल ने बताया कि स्ट्रोक आने पर मरीज को चार घण्टे के अंदर मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में पहुंच जाना चाहिए, जिसमें वरिष्ठ विशेषज्ञ, सीटी स्कैन, एमआरआई, आईसीयू जैसी सुविधाएं हो, तो मरीज को थैम्बोलाइसिस तकनीक द्वारा पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि थैम्बोलाइसिस तकनीक में एंजाइम द्वारा रक्त में मौजूद थक्के को पतला किया जाता है, रक्त के पतला होने से वह आसानी से दिमाग की धमनियों में पहुंचने लगात है, लेकिन इस प्रक्रिया के लिए आपको जल्द से जल्द मरीज को अस्पताल पहुंचाना चाहिए, जिससे मरीज को पैरालसिस होने से बचाया जा सके। यदि मरीज अस्पताल में देर से पहुंचता है तो अन्य तरीजों से मरीज का इलाज भी संभव है।
उन्होंने स्ट्रोक के प्रमुख कारणों के बारे में बताया कि ज्यादा बीपी, ज्यादा कोलेस्ट्रोल, मोटापा, मधुमेह, स्ट्रैस एवं धूम्रपान है, शारीरिक व्यायाम और सही खान से हम, स्ट्रोक होने से बच सकते है। डा. दिव्या गोयल ने बताया कि स्ट्रोक एक खतरनाक बीमारी है, इससे जीवन भर की अपंगता या मृत्यु भी हो सकती है। इस वल्र्ड स्ट्रोक डे के अवसर पर मैं यह कहना चाहती हूं कि आप स्ट्रोक के प्रति जागरूक रहे, स्वस्थ रहे, सुखी रहे। उल्लेखनीय है कि एसएसबी अस्पताल में मस्तिष्क रोग से जुड़ी सभी बीमारियों एवं सर्जरी के संपूर्ण इलाज की आधुनिक सुविधाएं चौबीस घण्टे उपलब्ध है, यहां पर स्ट्रोक के पीडि़त हजारों मरीजों का सफल इलाज हो चुका है।