Faridabad NCR
संसद के विशेष सत्र के माध्यम से हम सेनाओं के पराक्रम का धन्यवाद कर सकें और सरकार पूरे मामले पर बिंदुवार अपनी बात रखे : दीपेन्द्र हुड्डा

Chandigarh Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 3 जून। पहलगाम में आतंकी हमले से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक तमाम घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए आज इंडिया गठबंधन के 16 राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक दिल्ली के कान्स्टिट्यूशन क्लब में हुई, जिसमें कांग्रेस की तरफ से सांसद दीपेन्द्र हुड्डा शामिल हुए। बैठक के बाद प्रेस से बात करते हुए सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इंडिया गठबंधन के 16 राजनीतिक दलों ने अपने नेताओं के माध्यम से संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर संसद का एक विशेष सत्र तुरंत बुलाने की मांग उठाई है। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि लोकतंत्र में देश की संसद से 140 करोड़ लोगों की भावना जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ तब कांग्रेस पार्टी व तमाम विपक्षी दलों ने देश के सशस्त्र बलों और सरकार को जवाबी कार्रवाई करने के लिये अपना पूर्ण समर्थन दिया। उसके बाद का घटनाक्रम पूरे देश के सामने है। जब अमेरिका द्वारा सीजफायर की घोषणा की गयी तो विपक्ष ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग उठायी ताकि संसद के माध्यम से सभी सांसद, सभी दल एकजुटता से अपने सशस्त्र बलों का धन्यवाद कर सकें, साथ ही सरकार संसद में हर पहलू पर बिन्दुवार ढंग से अपनी बात रखे।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि संसद के विशेष सत्र में आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिये आगे की क्या रणनीति बने, पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करने पर चर्चा हो। देशहित में उस रणनीति को आगे बढ़ाने की भावना के साथ हमने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। पहलगाम आतंकी हमले से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक और ऑपरेशन सिंदूर से लेकर अमेरिका द्वारा सीजफायर की घोषणा तक और उसके बाद वैश्विक तौर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिये क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं, आतंक को पनाह देने वाले पाकिस्तान को अलग-थलग करने करने में कितनी सफलता मिली। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को अमेरिका द्वारा भारत के बराबर तौलने से देश में काफी आक्रोश है और देश चाहता है इस मामले में सरकार अपनी चुप्पी तोड़कर असलियत सामने लाए। उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने इसी भावना से एक पत्र के माध्यम से अपनी मांग दोहरायी है।