Faridabad NCR
37वें सूरजकुंड मेला की दोनो चौपालों पर पर्यटकों का हो रहा खूब मनोरंजन
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 12 फरवरी। 37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले की मुख्य व छोटी चौपाल पर नित्य रोज देशी व विदेशी कलाकार अपनी समृद्ध संस्कृति की छटा बिखेर रहे हैं। छोटी व बड़ी चौपाल पर विभिन्न कलाकार अपने गायन, वादन व नृत्य कला के बेहतरीन प्रदर्शन से दिनभर पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं। सोमवार को मेले की मुख्य चौपाल पर थीम स्टेट गुजरात की धरा अहमदाबाद से आए कलाकारों ने गुजरात की अस्मिता को उजागर करती मिश्र रास की शानदान प्रस्तुति दी। मिश्र रास राधा-कृष्ण के प्रेम बंधन का प्रतीक है। यह रास द्वारका नगरी में रब्बारी समाज के लोगों द्वारा भगवान श्री कृष्ण और राधा के प्रेम की याद में किया जाता है। श्री राम और श्री कृष्ण भारतीय संस्कृति के महानायक व सभी के आदर्श भी हैं। गुजराती कलाकारों द्वारा पेश की गई मिश्र रास की शानदार प्रस्तुति से मुख्य चौपाल पर बैठे पर्यटक झूम उठे।
मालावी से आए कलाकारों ने इम्बूजा डांस की जोरदार प्रस्तुति दी। वहीं कोमोरोस देश के कलाकारों ने शादी-विवाह के शुभ अवसर पर किए जाने वाले नृत्य की भव्य प्रस्तुति से चौपाल पर बैठे पर्यटकों को मंत्र मुग्ध किया। अफ्रीका के पश्चिमी देश के टोगो के कलाकारों ने तालकुट डांस तथा गाम्बिया देश से आए कलाकारों ने दुनिया की सुंदर झलकियों का रंग अपने गायन व नृत्य कला के माध्यम से चौपाल पर बैठे सभी पर्यटकों पर बिखेरा। कीनिया के कलाकारों ने बंबासा और किर्गिस्तान के कलाकारों ने अपनी शानदार नृत्य कला की बेहतरीन पेशकश दी। देश-विदेश के कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।
कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की अधिकारी रेनू हुड्डा व सुमन डांगी की उपस्थिति में छोटी चौपाल पर दिनभर लोक कलाकार अपनी शानदार प्रस्तुति देकर पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं। सोमवार को छोटी चौपाल पर पुष्पा शर्मा द्वारा सांस्कृति नृत्य, अनूप व तनू शर्मा द्वारा हरियाणवी लोक नृत्य, सुशील शर्मा ने सूफी गायन, वेद वमन ने रागनी और वेवल ने बैंड की मनमोहक प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। इसी प्रकार सुभाष ने लोकगती, आंध्रप्रदेश के दुर्गा प्रसाद ने लम्बाडी, गजरात के कलाकारों ने मिश्र रास, उडीसा के कलाकारों ने जय डांस की मनहारी प्रस्तुति से पर्यटकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।
दूसरी ओर मेले की मुख्य चौपाल पर क्रमबद्ध तरीके से कलाकारों द्वारा अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दी गई। जानेंद्र कुमार ने बडी चौपाल तथा अल्पना व कर्ण ने छोटी चौपाल पर भव्य तरीके से मंच का संचालन किया।