Connect with us

Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में वृक्षारोपण अभियान-2025 “हरियाली पर्व 4.0” का शुभारंभ

Published

on

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 24 जुलाई। पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सतत प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के लिए, जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने आज हरियाली पर्व 4.0 शीर्षक से अपने वार्षिक वृक्षारोपण अभियान-2025 की शुरुआत की।
यह हरित पहल, जो हर साल जुलाई और अगस्त में वसुंधरा इको-क्लब और पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा डीन स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय के सहयोग से आयोजित की जाती है, भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक पेड़ माँ के नाम पहल के साथ संरेखित है, जो लोगों को अपनी माँ के सम्मान में एक पेड़ लगाने और उसकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
अभियान का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने  अतिथियों—पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला की प्रो. उपासना शर्मा; दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. प्रीति वंती श्रीवास्तव; और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के प्रो. अमर नाथ गिल की उपस्थिति में किया।
इस अवसर पर डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. प्रदीप डिमरी, डीन, विज्ञान संकाय, प्रो. अनुराधा शर्मा, पर्यावरण विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. रेणुका गुप्ता, साथ ही डॉ. अनीता गिरधर, डॉ. प्रीति, डॉ. साक्षी, डॉ. शैलजा, डॉ. सुषमा, डॉ. निमिषा और आयोजन समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे। उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय परिसर में बेल और जामुन के पौधों का प्रतीकात्मक रोपण किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने जलवायु परिवर्तन को कम करने में वृक्षारोपण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, “पेड़ लगाना हमारे सामूहिक कार्बन फुटप्रिंट को कम करने का सबसे सरल और प्रभावशाली तरीका है।” उन्होंने रोपण के बाद पौधों की देखभाल के महत्व पर भी बल दिया और छात्रों, संकाय और कर्मचारियों से न केवल अभियान में भाग लेने बल्कि पेड़ों की देखभाल के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “पर्यावरण संरक्षण को हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनना चाहिए।”
पर्यावरण विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. रेणुका गुप्ता ने इस तरह की पहलों के शैक्षिक मूल्य पर प्रकाश डाला और कहा, “हरियाली पर्व जैसे वृक्षारोपण अभियान छात्रों के लिए मानव और प्रकृति के बीच परस्पर निर्भरता को समझने का एक व्यावहारिक अवसर प्रदान करते हैं। आज के युवा दिमागों में पर्यावरणीय जिम्मेदारी की भावना विकसित करना हमारा दायित्व है।”

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com