Faridabad NCR
रामानुजन जयंती के उपलक्ष्य में दो दिवसीय गणित उत्सव का आयोजन
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 30 जनवरी। जे सी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के गणित विभाग ने हरियाणा राज्य विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से प्रतिभाशाली गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की 137वीं जयंती जोकि देश में राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है, के उपलक्ष्य में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर विभाग द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया, जिसमें विशेषज्ञ वक्ताओं के व्याख्यान और छात्र केन्द्रित गतिविधियाँ शामिल रही।
कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो. एस.के. तोमर और मुख्य अतिथि एमडीयू रोहतक से सेवानिवृत्त प्रोफेसर प्रो. रेणु चुघ ने किया। इस अवसर पर डीन साइंस एवं गणित विभाग की अध्यक्ष प्रो. नीतू गुप्ता भी मौजूद रहीं। व्याख्यान सत्रों को आई.आई.टी. रोपड़ के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अरविंद गुप्ता और विश्वविद्यालय के सहायक संकाय प्रो. खलील अहमद ने संबोधित किया।
उद्घाटन सत्र के स्वागत भाषण में प्रो. नीतू गुप्ता ने कार्यक्रम की संक्षिप्त जानकारी दी और बताया कि गणित केवल हमारी पाठ्यपुस्तकों का एक विषय मात्र नहीं है बल्कि, यह एक ऐसा उपकरण है जो हमें वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने में सशक्त बनाता है। उन्होंने छात्रों को गणित की शक्ति को पहचानने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय आयोजन में क्विज, पोस्टर मेकिंग, रंगोली जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें एनसीआर क्षेत्र के कालेजों एवं विश्वविद्यालयों की कुल 101 टीमें हिस्सा ले रहीं है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. एस.के. तोमर ने गणित के गहन प्रभाव पर बल दिया तथा रामानुजन की प्रेरक विरासत का वर्णन किया। कुलपति ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, ‘योग्यता कर्म से पैदा होती है, जन्म से तो सभी शून्य होते है।’ उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति सब कुछ करने में सक्षम है।
अपने संबोधन में प्रो. रेणु चुघ ने फ्रैक्टल सीमेट्री के उपयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में गणित के व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला। उन्होंने गणित के स्वरों, ए-जवाबदेही, ई-दक्षता, आई-समावेशी, ओ-अवसर, यू-सार्वभौमिकता के बारे में बताया, जिसका उल्लेख प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भी अपने संबोधन में किया गया था। उन्होंने नासा के वैज्ञानिक कैथरीन जॉनसन और जी.एच. हार्डी का भी उल्लेख किया तथा बताया कि प्रकृति गणित से कैसे खूबसूरती से जुड़ी हुई है। उन्होंने छात्रों को जीवन में भावुक और समर्पित होने की सलाह दी। उन्होंने गणित के क्षेत्र में फील्ड मेडल और लीलावती पुरस्कार के बारे में भी जानकारी दी।
विशेषज्ञ व्याख्यान में प्रो. अरविंद गुप्ता ने हाईवे ट्रैफिक फ्लो के सेलुलर ऑटोमेशन मॉडल विषय पर अपने विचार साझा किए, जबकि दूसरे व्याख्यान में प्रो. खलील अहमद ने वेवलेट्स के अनुप्रयोग के बारे में बात की। कार्यक्रम का समापन पर अतिथि एवं मुख्य वक्ताओं को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये तथा कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. रीना गर्ग द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया।