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Faridabad NCR

दो दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय सम्मेलन  का हुआ समापन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 09 अगस्त भारतीय शिक्षण मंडल एवं जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सौजन्य से वर्तमान युग में भारतीयता की पुनर्स्थापना विषय पर आयोजित दो दिवसीय ऑनलाइन  राष्ट्रीय सम्मेलन  का आज समापन हुआ जिसमें बतौर मुख्यवक्ता भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद जोशी, बतौर मुख्यातिथि राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक एवं उपन्यासकार निदेशक डॉ.राजेश बिनीवाले, बतौर विशिष्ट अतिथि जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति  प्रो.दिनेश कुमार ने अपना उद्बोधन प्रस्तुत किया।
डॉ.सच्चिदानंद जोशी ने संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने अंदर झांकने की जरूरत है। हमें आत्म मंथन करने,राष्ट्र हित में चिंतन करने जरूरत है। काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, अहम ने हमें जकड़ लिया है। जिसने इन रिपुओं पर काबू कर लिया वह साधु है और जिसने इनका अंत किया वह संत कहलाता है। इसी प्रकार जिसने इनको काबू करके इन रिपुओं को जानकर स्वयं विकास और तरक्की को आगे बढ़ाया है वह सामर्थ्य कहलाता है। हमें अपने सामर्थ्य को विकसित करने की जरूरत है। भारत में परिवार एवं संबंधों को विशेष महत्व देने की परंपरा है तथा अतिथि देवो भव के सिद्धांत पर अतिथि को देवता के रूप में माना जाता है, उसका आतिथ्य किया जाता है। संपूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति सर्वश्रेष्ठ है। हमारी संस्कृति, सभ्यता एवं परंपराओं में भारतीयता समाई है। भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का शिष्टाचार प्राचीनकाल से ही है। उन्होंने कहा कि हम आचार,व्यवहार,उपचार,परिवार,संचार,विचार और संस्कार जीवन के इन सात मूल तत्वों को अपनाकर, अम्ल एवं चिंतन कर भारतीयता की पुनर्स्थापना कर सकते हैं।
डॉ.राजेश बिनीवाले ने संबोधित करते हुए कहा कि हमें चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी पद्धति में अनुसंधान एवं शोध के लिए केंद्र स्थापित कर विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में विश्व को नई राह दिखाने का काम किया है।
कुलपति प्रो.दिनेश कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी के दौर में भारतीय संस्कृति एवं आयुर्वेदिक पद्धति ने हमें संक्रमण बचाया और भारत में स्थिति अन्य देशों की तुलना में बेहतर है। आज संपूर्ण विश्व भारतीय संस्कृति का अनुशरण कर रहा है। प्रांत मंत्री सुनील शर्मा ने सभी मुख्यातिथियों, आयोजकों एवं सहभागी शिक्षाविदों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ.ऋषि पाल एवं सह संयोजक डॉ.राजीव साहा थे। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.ज्योति श्योराण ने किया।
प्रथम दिन बतौर मुख्यातिथि महानिदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग श्री अजीत बालाजी जोशी एवं बतौर मुख्यवक्ता भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री मुकुल कानिटकर पधारे ।इस अवसर पर जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.दिनेश कुमार ने संबोधित किया। विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राज नेहरू ने प्रौद्योगिकी विकास में भारतीयता, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.भगवती प्रसाद शर्मा ने शासन एवं नीतियों में भारतीयता, श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र के कुलपति डॉ.बलदेव कुमार धीमान, सव्यास विश्वविद्यालय बंगलौर के कुलपति प्रो.रामचन्द्रा जी भट्ट ने धर्म और संस्कृति में भारतीयता, इंदिरा गाँधी ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.नागेश्वर राव ने शिक्षा में भारतीयता पुनर्स्थापना विषय पर अपने विस्तृत विचार प्रकट किए।

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