Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय विज्ञान सम्मेलन संपन्न

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 15 मई। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा आयोजित “विज्ञान सम्मेलन 2025” संपन्न हो गया। “उभरता विज्ञान, युवा मस्तिष्क और उत्साही नवाचार: विकसित भारत के लिए एक दृष्टिकोण” विषय पर आधारित दो दिवसीय आयोजन विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय द्वारा आयोजित और हरियाणा राज्य विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा वित्त-पोषित था। सम्मेलन भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीवन विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान विभागों के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया था।
समापन सत्र में पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के रसायन विज्ञान के एमेरिटस वैज्ञानिक प्रो. के.के. भसीन मुख्य अतिथि थे, जबकि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने सत्र की अध्यक्षता की। पोस्टर मेकिंग, वैज्ञानिक मॉडल और विज्ञान नाटक जैसी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए।
प्लेनरी सत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के भौतिकी प्रोफेसर प्रो. आर.के. मोदगिल ने “बोस सांख्यिकी से बोस-आइंस्टीन कंडेंसेशनः एक खोज की यात्रा” विषय पर अपने विचार रखे, जो क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के उपलक्ष्य में था। उन्होंने क्वांटम मैकेनिक्स, बोस-आइंस्टीन कंडेंसेशन (बीईसी) और 1995 में इसकी प्रयोगात्मक प्राप्ति पर चर्चा की, जिसके लिए 2001 में ई.ए. कॉर्नेल और सी.ई. वीमैन को नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने क्वांटम कम्प्यूटिंग की संभावनाओं पर भी बल दिया।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से गणित के प्रोफेसर प्रो. राजीव कुमार ने “गणितः सौंदर्य, महत्व और दायरा” विषय पर व्याख्यान दिया, जिसमें प्रकृति और वस्त्रों में ज्यामिति को दर्शाया और कार्ल गॉस जैसे गणितज्ञों के कथन “गणित विज्ञान की रानी है” पर चर्चा की।
सम्मेलन पहले दिन तकनीकी सत्र में सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक प्रो. शेखर सी. मांडे ने जैव विविधता की हानि और कार्बन उत्सर्जन जैसे पर्यावरणीय मुद्दों पर चर्चा की तथा युवाओं को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित किया। विद्यासागर विश्वविद्यालय के प्रो. शंकर कुमार रॉय ने सतत आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में एआई और गणितीय मॉडलों पर चर्चा की।
सांस्कृतिक संध्या में तरन्नुम क्लब, एनएसएस छात्रों, और डॉ. राजेश गुप्ता ने गीत-संगीत से समां बांधा। डॉ. सीताराम ने बांसुरी वादन और अनन्या क्लब की कविता “द साइंस वी लव” ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती जयमाला तोमर इस अवसर पर मुख्य अतिथि रही तथा छात्रों को प्रेरित किया। सम्मेलन के समापन पर गणित विभाग की अध्यक्ष प्रो. नीतू गुप्ता ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया।