Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : स्वामी सुदर्शनाचार्य वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय में उपाकर्म किया गया। इस अवसर पर सभी छात्रों का क्षौर करवाकर हवन किया गया। उपाकर्म को प्रारम्भ करना अथवा पुण्य करने का दिन भी कहा जाता है। प्राचीनकाल से गुरुकुलों में उपाकर्म के बाद ही वेदों का पाठ करना शुरू किया जाता था और अब इसके बाद ही नया शैक्षिक सत्र प्रारम्भ किया जाता है। उपाकर्म एक संकल्प दिवस है जिसमें पातकों, उपपातकों और महापातकों से बचने, परद्रव्य अपहरण न करने, परनिंदा न करने, आहार-विहार का ध्यान रखने, हिंसा न करने, इंद्रियों का संयम करने एवं सदाचरण करने की प्रतिज्ञा ली जाती है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के चेयरमैन अनंतश्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने छात्रों को प्रसाद एवं आशीर्वाद के साथ जीवन में नैतिकता के उच्च मानदंड तय करने की बात कही।
गौरतलब है कि श्री सिद्धदाता आश्रम प्रांगण में स्थित स्वामी सुदर्शनाचार्य संस्कृत वेद वेदांग महाविद्यालय में सात वर्षीय वेद विषय एवं सामान्य आचार्य तक शिक्षा निशुल्क करवाई जाती है| यहाँ छात्रों को आवास के पढ़ने की सुविधा उपलब्ध है।