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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : यथार्थ हॉस्पिटल, सेक्टर 20 एवं सेक्टर 88 फरीदाबाद ने फरीदाबाद पुलिस के सहयोग से शहरवासियों के लिए एक अनूठी और जागरूकता से भरपूर पहल की — “रेड लाइट पर दिल की बात”। इस पहल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को यह याद दिलाना था कि जिस प्रकार ट्रैफिक सिग्नल पर लाल बत्ती हमें रुकने और सावधानी बरतने का संकेत देती है, उसी तरह हमें अपनी जीवनशैली में मौजूद हानिकारक आदतों पर भी समय रहते “ब्रेक” लगाना चाहिए, ताकि हम अपने हृदय को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकें।
इस विशेष अभियान के दौरान फरीदाबाद की ट्रैफिक लाइटों पर लाल सिग्नल को हृदय के आकार में प्रदर्शित किया गया। इस नवाचार ने न केवल राहगीरों और वाहन चालकों का ध्यान आकर्षित किया बल्कि हार्ट डिसीसेज़ के बढ़ते खतरे को लेकर लोगों में गहरा संदेश भी पहुँचाया।
इसके साथ ही लोगों के बीच तीन स्तरों पर संदेश दिए गए। जैसे ट्रैफिक सिग्नल में रेड लाइट रुकने का संकेत देती है, उसी तरह यह संदेश देता है कि धूम्रपान, तनाव और गतिहीन जीवनशैली जैसी आदतों को तुरंत रोका जाए। उसी प्रकार जैसे येलो लाइट हमें सावधान करती है, वैसे ही यह लोगों को समय पर स्वास्थ्य जांच और बचाव के उपाय अपनाने की याद दिलाती है। और अंत में, ग्रीन लाइट जिस तरह आगे बढ़ने का संकेत देती है, उसी तरह यह संदेश देता है कि हमें व्यायाम, संतुलित पोषण और नियमित देखभाल की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
इस मौके पर यथार्थ हॉस्पिटल द्वारा सी.पी.आर. और बी.एल.एस. प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया गया, जहाँ आम नागरिकों को यह सिखाया गया कि आपातकालीन स्थिति में किस तरह साधारण उपायों से किसी की जान बचाई जा सकती है।
*यथार्थ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, फरीदाबाद के सीनियर कंसल्टेंट एंड एच.ओ.डी – इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी एवं इलेक्ट्रोफिज़ियोलॉजी, डॉ. बिनय कुमार, ने इस पहल की महत्ता समझाते हुए कहा* “हर रेड लाइट सिर्फ रुकने का संकेत नहीं देती, बल्कि हमें सोचने का एक मौका भी देती है। जैसे हम सड़क पर लाल बत्ती देखकर तुरंत रुक जाते हैं, वैसे ही ज़िंदगी में हमें यह ठहराव लेना चाहिए और यह विचार करना चाहिए कि क्या हम अपने दिल की सही देखभाल कर रहे हैं। धूम्रपान, असंतुलित आहार, तनाव और व्यायाम की कमी जैसे कारण धीरे-धीरे दिल की सेहत को नुकसान पहुँचाते हैं। यदि हम समय रहते इन पर ‘ब्रेक’ लगाएँ और हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाएँ तो हार्ट डिसीसेज़ के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। यह पहल लोगों को न केवल सोचने बल्कि अपने व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा भी देती है। जागरूकता तभी प्रभावी होती है जब वह व्यवहार में दिखाई दे, और ‘रेड लाइट पर दिल की बात’ इसी दिशा में एक सार्थक कदम है।”
इस अभियान की सराहना करते हुए श्री अनुज कुमार (SHO – ट्रैफिक) ने कहा कि ट्रैफिक लाइट सिर्फ़ यातायात नियंत्रण का माध्यम नहीं, बल्कि जन संदेश का एक सशक्त जरिया भी बन सकती है। वहीं, श्री जयबिर सिंह (DCP – ट्रैफिक, फरीदाबाद) ने कहा कि स्वास्थ्य और सुरक्षा दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं और यह पहल समाज को न केवल हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती है, बल्कि यातायात नियमों को लेकर भी सजग बनाती है।