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Faridabad NCR

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया एनआईटी 1 दशहरा मैदान में विजयादशमी पर्व

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : एडीसी आनंद शर्मा ने कहा कि विजय दशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। हम बाहर रावण को पुतला तो जलाकर यह बता तो देते है कि बुराई की हमेशा हार और अच्छाई की हमेशा जीत होती है। लेकिन हम अपने अंदर की बुराई को खत्म करने के बारे में नहीं सोचते। विजय दशमी बहुत ही सुबह और ऐतिहासिक पर्व है हम सबको इस दिन अपने अंदर के रावण का खत्म कर ख़ुशी के साथ यह पर्व मनाना चाहिए।

इस पावन अवसर पर शहर में कई स्थानों पर बड़े स्तर पर रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया। इस मौके पर एनआईटी 1 दशहरा मैदान में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले दहन के साथ सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लिया।

अहंकार और अधर्म के प्रतीक रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतलों का दहन किया गया तो दशहरा मैदान श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। आतिशबाजी और पटाखों की तेज आवाज के साथ रावण के पुतलों का दहन किया गया।

रावण दहन से पहले भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान जी की मनमोहक झांकियों की शोभायात्रा निकाली गई। कई दशहरा मैदानों में राम-रावण संवाद और राम रावण के बीच भीषण युद्ध के मंचन के बाद ही पुतलों को अग्नि दी गई। रावण के पुतले में आग लगते ही सिर धड़ हाथ पैर के अलग-अलग हिस्से धू-धू करके जलने लगे। लोग परंपरा के मुताबिक जलते हुए रावण की लकड़ियों को घर ले गए। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस व्यवस्था पूरी तरह चाक चौबंद रही।

दशहरा मैदानों में बच्चों ने खूब मस्ती की। बच्चों के लिए मेलों में झूले, ऊंट-हाथी की सवारी, खेल खिलौने, चाट पकौड़ी का भरपूर इंतजाम था। कुछ बच्चे झूलों पर व्यस्त रहे, तो कुछ सवारी करने में व्यस्त रहे। दशहरा मेले की वजह से दशहरा मैदान की सड़कों पर नो एंट्री की गई। बुधवार सुबह ही लोग अपने बच्चों को मेला घुमाने पहुंचने लगे। लोगों ने बुराई के प्रतीक रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले दहन के सेल्फी ली।

इस अवसर पर शहर की सभी धार्मिक और सामाजिक संगठन के पदाधिकारी और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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