Faridabad NCR
पार्किंग के विरोध एसडीएम कार्यालय पहुंचे पाली के ग्रामीण
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 22 सितंम्बर। अरावली वन क्षेत्र में पार्किंग के विरोध में बुधवार को गांव पाली के सैंकड़ों ग्रामीण एसडीएम कार्यालय पहुंचे और वहां पर बनाई जा रही पार्किंग को लेकर एसडीएम पंकज सेतिया, एसीपी बडख़ल सुखबीर सिंह, थाना प्रभारी डबुआ महेन्द्र पाठक, पाली चौकी इंचार्ज ओमप्रकाश एवं आरटीओ फरीदाबाद जितेन्द्र सिंह गहलोत से मिलकर अपनी समस्या से अवगत कराया। इससे पूर्व गांव पाली के लोगों ने उक्त पार्किंग के विरोध में पाली चौकी में शिकायत दी थी। ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे धर्मबीर भड़ाना ने कहा कि पाली गांव की 6000 बीघा जमीन तो गांव में खेतीबाड़ी के लिए है, जबकि 1800 बीघा जमीन पहाड़ में है, जिसको लेकर हमारा केस नगर निगम से हाईकोर्ट में विचाराधीन है। वहीं, अनखीर, अनंगपुर, मेवला गांव को मुआवजा दिया जा चुका है। पाली एवं मोहब्ताबाद गांव को अभी कोई मुआवजा नहीं मिला है। बावजूद इसके एक पूर्व अधिकारी से मिलीभगत कर एक लाख की पर्ची कटवाकर वन भूमि की जमीन में कब्जा कर पार्किंग बनाना चाहते हैं। एनजीटी, नगर निगम अधिकारियों एवं राजस्व अधिकारियों को पता होने के बावजूद अवैध पार्किंग बनाने के लिए पर्ची काट दी जाती है, जोकि सरासर हमारे साथ अन्याय है। धर्मबीर भड़ाना ने कहा कि एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वन क्षेत्र में बने निर्माणों को तोड़ा जा रहा है, दूसरी तरफ एक पूर्व अधिकारी को वन विभाग की जमीन पर पार्किंग बनाने की परमिशन दी जा रही है। भड़ाना ने लोगों से एवं सामाजिक संस्थाओं से अपील की, कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इस मुहिम में उनका सहयोग दें एवं साथ दें। इस मौके पर ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि चाहे जो हो जाए, पाली मोहब्ताबाद के सभी लोग इक_ा होंगे, मगर यहां पर किसी भी कीमत पर लूट का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा। इस मौके पर रघबर प्रधान, प्रकाश पंडितजी, संजय प्रधान, विक्रम भड़ाना, श्यामबीर भड़ाना, विनोद भड़ाना, अशोक भड़ाना, कविराज भड़ाना, सच्चे, अशोक त्यागी, ब्रह्मपाल तंवर, सुंदर तंवर, ओमबीर तंवर, जयकिशन, सुनील, मनोज, जित्ते, नरेश भड़ाना आदि मौजूद रहे। क्या कहते हैं एसडीएम पंकज सेतिया गांव पाली के लोग आकर हमसे मिले हैं और पाली चौकी के पास बनाई जा रही पार्किंग को लेकर उनकी शिकायत है, जिसमें रैडक्रास द्वारा आरटीए की पार्किंग के लिए अलॉट किया गया है। मौका मुआयना करने के बाद ही वास्तविक स्थिति और जमीन के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। उसके अनुसार ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।