Faridabad NCR
पांचवे नवरात्रे पर पावन सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर 1बी -ब्लॉक में हुई स्कंदमाता की व्रत कथा और भव्य पूजा
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : फरीदाबाद में स्थित पावन सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर 1बी -ब्लॉक में पांचवा नवरात्रे पर स्कंदमाता की भव्य पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर मंदिर में सायं कालीन आरती के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया और सभी भक्तों ने मां की पूजा अर्चना में हिस्सा लिया। साथ ही पवन लाडला ने अपने भजनों द्वारा लोगो को आकर्षित किया। सभी भक्तो ने मां के दरबार में अपनी हाजिरी लगाई और उनसे मन की मुराद मांगी।
एक पौराणिक कथा के अनुसार, कहते हैं कि एक तारकासुर नामक राक्षस था। जिसका अंत केवल शिव पुत्र के हाथों की संभव था। तब मां पार्वती ने अपने पुत्र स्कंद (कार्तिकेय) को युद्ध के लिए प्रशिक्षित करने के लिए स्कंद माता का रूप लिया था। स्कंदमाता से युद्ध प्रशिक्षण लेने के बाद भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर का अंत किया था।
मंदिर संस्थान के प्रधान व पूर्व मेयर श्री अशोक अरोड़ा और उनके सुपुत्र युवा नेता एवं समाजसेवी भारत अशोक अरोड़ा ने सभी भक्तों का स्वागत किया। मंदिर प्रधान श्री अशोक अरोड़ा जी ने इस अवसर पर श्रद्धालुओं को स्कंदमाता के बारे में बातें बताई और कहा, “नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की अराधना की जाती है। भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय को स्कंद के नाम से भी जाना जाता है। भगवान स्कंद को माता पार्वती ने प्रशिक्षित किया था, इसलिए मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता कहते हैं।” इसके साथ ही उन्होंने जटायु जी और राजा दशरथ के बीच हुए संवाद का बड़े ही सुन्दर रूप में वर्णन किया और बताया कि किस प्रकार सीता मां गिघराज जटायु जी की पुत्रवधु के समान कहलाई।