Faridabad NCR
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 और स्कूल एजुकेशन पर वेबिनार का आयोजन
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 20 नवंबर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 स्कूली शिक्षा के कई पहलुओं से संबंधित है। इसी पर एसोचैम द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 – द ब्राइट फ्यूचर ऑफ स्कूल एजुकेशन पर वेबिनार का आयोजन किया गया। ऑनलाइन आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में 600 से ज्यादा शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया।
सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि, कोरोना के कारण देश में काफी गंभीर स्थिति बनी हुई है। इस दौरान सबसे ज्यादा हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर पर असर हुआ है। हालांकि उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि, बीते आठ महीने में शिक्षा जगत द्वारा बेहतरीन कार्य किया गया है। उन्होंने कहा, शिक्षकों ने रातों-रात सबकुछ बदल दिया। इतनी गंभीर स्थिति में भी 80 प्रतिशत छात्र लर्निंग से जुड़े रहे हैं। शिक्षक, प्रिंसिपल और स्कूल को पैडागॉजी बदलने पर कार्य करना होगा। आज के समय में सबसे महत्वपूर्ण है कि कैसे छात्रों को अपग्रेड किया जाए। उन्होंने कहा, हमें शिक्षाशास्त्र को बदलना होगा और हमें बच्चे को जिज्ञासु बनाना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही एक मात्र ऐसी सीढ़ी है जिससे पीढ़ियां बदल सकती हैं।
कार्यक्रम में शामिल हुए एसोचैम राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, नई शिक्षा नीति के तहत जो भी कार्य हो रहा है उसका इम्प्लीमेंटेशन होना बेहद जरूरी है। हमें शिक्षकों पर भी जोर देना होगा। आज के समय में सबसे बड़ा चैलेंज डिजिटलाइजेशन का है। कोरोना के समय में स्कूल घर-घर तक पहुंचा लेकिन आज भी कुछ छात्र हैं जो शिक्षा से वंछित रहे हैं, हमें उनके लिए सोचना होगा।
कार्यक्रम में कुंवर शेखर विजेंद्र, सह-अध्यक्ष, एसोचैम राष्ट्रीय शिक्षा परिषद और चांसलर, शोभित विश्वविद्यालय; विनीत गुप्ता, सह-अध्यक्ष, एसोचैम राष्ट्रीय शिक्षा परिषद एंड फाउंडर एंड ट्रस्टी, अशोका यूनिवर्सिटी; दिव्या लाल, मैनेजिंग डायरेक्टर, फ़्लिपलाइन एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड; डॉ शिल्पा इंदोरिया, प्रिंसिपल, आनंद निकेतन मणिनगर, अहमदाबाद और नीता अरोड़ा, प्रिंसिपल, वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल, द्वारका ने बतौर पैनलिस्ट हिस्सा लिया।