Connect with us

Faridabad NCR

ग्रीन इंडिया फाउंडेशन (GIFT) द्वारा किया नम भूमि संरक्षण पदयात्रा का आयोजन

Published

on

Spread the love

Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : ग्रीन इंडिया फाउंडेशन (GIFT) द्वारा नम भूमि संरक्षण पदयात्रा जो कि बड़खल झील से सूरजकुंड तक की निकली गई। नम भूमि संरक्षण पदयात्रा विश्व जल परिषद, फ्रांस के सदस्य और ग्रीन इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ जगदीश चौधरी ने आयोजित की। डॉ चौधरी ने कहा कि आज फरीदाबाद बिना पानी के हा हाकार कर रहा है। यह यमुना नदी और अरावली की पहाड़ियों के बीच का एक उपजाऊ और जल से भरपूर क्षेत्र रहा है।

लेकिन दुखद है कि सरकारी उपेक्षा, गलत नीतियों और सही से क्रियान्वयन ने होने के कारण हमारे सभी जल स्त्रोत खत्म होते जा रहे हैं या होने के कगार पर हैं। अधिकतम जल संरचनाएं, झील, तालाब नदियां या तो कब्जा कर ली गई हैं या फिर उनमें इतनी गंदगी डाल दी गई है कि वह कूड़ा घर ज्यादा नजर आते हैं और जलाशय कम। इसी भाव को ध्यान में रखते हुए फरीदाबाद के लोगों को पीने का पानी बाहर से ना मांगना पड़े आज उसी को लेकर “नम भूमि संरक्षण यात्रा” बड़खल झील से लेकर सूरजकुंड के तथाकथित सूखे कुंड तक निकाली गई ताकि राज और समाज थोड़ा संवेदनशील हो और इस विषय में अपने व्यवहार बदले जिससे फरीदाबाद जलदार हो सके।

यमुना पुत्र अशोक उपाध्याय ने जल के पर्यावरणीय महत्व और उस पर अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को स्पष्ट किया। बागपत से संजय राणा ने हरियाली जल और मानवीय जीवन के त्रिकोण को समझाया और आपसी निर्भरता स्पष्ट की।

हरियाणा युवा शक्ति के अध्यक्ष और राष्ट्रीय युवा योजना के हरियाणा प्रभारी रोहतक से सुरेश राठी, अलीगढ़ उत्तर प्रदेश सुबोध शर्मा, गाजियाबाद से प्रशांत सिंहा, दिल्ली से डॉ नीलम रानी, अरावली बचाओ की अध्यक्ष नीलम अहलूवालिया और उनके साथी, इंडियन सूट ऑफ वाटर एजुकेशन के निदेशक संजय गुप्ता व भारत सेवक प्रतिष्ठान के निदेशक श्रीकृष्ण सिंगल ने जल, प्लास्टिक और पेड़ की महत्ता को समझाया और पूरी पदयात्रा में मार्गदर्शन का कार्य किया।

शिक्षाविद प्रोफेसर अरविंद गुप्ता, बालाजी कॉलेज बल्लभगढ़, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बल्लभगढ़, गुरुकुल फरीदाबाद व आइडियल पब्लिक स्कूल शिवदुर्गा विहार फरीदाबाद के छात्रों के सराहनीय सहयोग से  पदयात्रा सम्पन्न हुई।
विद्यार्थियों ने श्लोगन लिखी तख्तियों के साथ लोगों को जागरूक किया जैसे:-

“सांसे हो रही हैं कम
आओ वृक्ष लगाए हम”

“जल की रक्षा कौन करेगा हम करेंगे हम करेंगे ”
“प्रकृति का सच्चा सिंगार
मनुष्य एक और वृक्ष हजार ”

“जल ही जीवन है” आदि नारे लगाए,  प्रकृति संबंधी नुक्कड़ नाटक  और कविता पाठ किया।

Continue Reading

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com