Faridabad NCR
जनभागीदारी और सभी के सामूहिक प्रयासों से ‘टीबी हारेगा और देश जीतेगा’ : एडीसी

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 19 अगस्त। एडीसी सतबीर मान ने कहा कि भारत सरकार की ओर से शुरू किए गए 100-दिवसीय सघन टीबी मुक्त भारत अभियान ने टीबी मुक्त भारत के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है, जिसके परिणाम स्वरूप सरकार की ओर से अभियान को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि टीबी के खिलाफ लड़ाई में न केवल सरकारी प्रयासों बल्कि जनभागीदारी और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। हम सभी को मिलकर टीबी से लड़ना होगा तभी ‘टीबी हारेगा और देश जीतेगा’।
एडीसी मान ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत अधिकारियों की बैठक लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित विभागों को निक्षय शिविर के माध्यम से टीबी से संबंधित नियमित रूप से स्क्रीनिंग के साथ-साथ आमजन को अधिक से अधिक जागरूक करने, निक्षय शपथ दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जागरूकता अभियान तेज करने, अधिक से अधिक जांच करने और सामूहिक रूप से प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने संबंधित विभागों को शत प्रतिशत स्क्रीनिंग कवरेज प्राप्त करने के लिए आपसी तालमेल से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि वे कमजोर और उपेक्षित आबादी, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वालों तक पहुंच को विशेष प्राथमिकता दें।
टीबी रोगियों की पहचान और उपचार के लिए समर्पित स्वास्थ्य शिविर किए जाएं आयोजित : एडीसी
एडीसी ने संबंधित अधिकारियों को कमजोर समूहों का पता लगाने, निदान और उपचार सेवाओं को मजबूत करने और स्क्रीनिंग और परीक्षण अभियानों के माध्यम से शीघ्र पहचान को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने सिविल सर्जन को टीबी रोगियों की शीघ्र पहचान और उपचार के लिए समर्पित स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने और जिले भर में गहन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने आम जनता से टीबी रोगियों की सहायता करने और टीबी मुक्त भारत बनाने के इस राष्ट्र मिशन में योगदान देने के लिए स्वेच्छा से नि-क्षय मित्र के रूप में पंजीकरण कराने का भी आह्वान किया।
टीबी को हल्के में न लें : एडीसी
एडीसी ने आमजन से आह्वान किया कि टीबी को हल्के में न लें। यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या खांसी में बलगम या बलगम में खून आना, भूख व लगातार वजन कम होना, शाम के समय बुखार, रात को पसीना आना इत्यादि में से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच करवाएं। यदि जांच में टीबी पाई जाती है तो तुरंत टीबी का इलाज शुरू करना चाहिए। टीबी का इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को टीबी हो जाती है तो उसे डॉक्टर की सलाह अनुसार पूर्ण इलाज लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीबी का इलाज संभव है बशर्ते इससे बचाव के लिए व्यक्ति सतर्क और सावधान रहे और सावधानियां अपनाए।
टीबी से बचाव के लिए पूरा करें छह माह का कोर्स, रोगी बीच में न छोड़ें दवाइयां :
एडीसी ने टीबी मरीजों का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। टीबी मरीज ठीक हो सकते हैं, जिसके लिए उन्हें छह माह का कोर्स पूरा करना होगा। नियमित रूप से दवाइयां, निक्षय पोषण और न्यूट्रिशन डाइट लेते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिए गए निर्देशों का पालन करें और याद रखें बीच में दवाई न छोड़ें। उन्होंने बैठक में औद्योगिक क्षेत्रों से आए प्रतिनिधियों के सुझाव सुनते हुए कहा कि टीबी को जड़ से समाप्त करने के लिए औद्योगिक इकाईयों का सहयोग अति आवश्यक है। इस अवसर पर सभी को भारत को टीबी मुक्त बनाने और टीबी मरीजों के साथ अच्छा बर्ताव करने के लिए निक्षय शपथ भी दिलाई गई। प्रेजेंटेशन के माध्यम से टीबी बारे विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गई।
बैठक में सिविल सर्जन डा. जयंत आहूजा, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य विभागों के संबंधित अधिकारी-कर्मचारी, चिकित्सक, औद्योगिक इकाइयों व बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।