Faridabad NCR
प्रौद्योगिकी वर्धक लर्निंग पर आधारित राष्ट्रीय कार्यक्रम पर किया कार्यशाला का आयोजन
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 4 फरवरी मुक्स आनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से डिजिटल लर्निंग के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा आईआईटी मद्रास के सहयोग से प्रौद्योगिकी वर्धक लर्निंग पर आधारित राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीटीईएल) पर एक राष्ट्रीय स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का संचालन विश्वविद्यालय के डिजिटल इंडिया सेल द्वारा कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के सहयोग से किया गया।
कार्यशाला का उद्देश्य एनपीटीईएल कार्यक्रम और मुक्स पाठ्यक्रम के प्रति विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को जागरूकता बनाना था। कार्यशाला में देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने किया तथा उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग, विभिन्न विभागों के डीन, अध्यक्ष और डिजिटल इंडिया सेल के सदस्य भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के महत्व पर बल दिया। उन्होंने विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों को डिजिटल लर्निंग के विभिन्न माध्यमों के प्रति जागरूक रहने तथा स्वायम प्लेटफॉर्म पर चलाए जा रहे एनपीटीईएल पाठ्यक्रमों और अन्य पाठ्यक्रमों में रुचि लेने के लिए कहा तथा कार्यशाला की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. कोमल कुमार भाटिया ने मुख्य अतिथि और कार्यशाला के विशेषज्ञ वक्ताओं को पौधा भेंट किया। डिजिटल इंडिया की नोडल अधिकारी डॉ. नीलम दूहन ने प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा कार्यशाला के व्यापक उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही विभिन्न डिजिटल पहलों के बारे में भी बताया।
आईआईटी मद्रास से एनपीटीईएल समन्वयक प्रो. प्रताप हरिदास और वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक एनपीटीईएल भारती बालाजी कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ता रहे। कार्यशाला के दौरान आईआईटी कानपुर की तकनीकी टीम से अजय कनौजिया और वैशाली भी उपस्थित थे।
प्रो. हरिदास ने प्रतिभागियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया और एनपीटीईएल पाठ्यक्रमों पर विस्तार से जानकारी दी। भारती बालाजी ने एनपीटीईएल पर उपलब्ध पाठ्य सामग्री के बारे में बताया। उन्होंने इंजीनियरिंग और विज्ञान संकाय के लिए विशेष रुचिकर पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियों को एनपीटीईएल पाठ्यक्रमों और स्वयम-एनपीटीईएल के लोकल चैप्टर की प्रमुख विशेषताओं से अवगत कराया। कार्यशाला में स्वयम-एनपीटीईएल का लोकल चैप्टर शुरू करने की प्रक्रिया की भी जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय वर्ष 2017 से स्वयम-एनपीटीईएल पर सक्रिय लोकल चैप्टर है और पिछले चार सेमेस्टर्स के दौरान देश के शीर्ष 100 लोकल चैप्टर में अपनी जगह बनाये हुए है। देश के 4000 लोकल चैप्टर में विश्वविद्यालय को शीर्ष 10 लोकल चैप्टर में दो बार ‘एएए’ ग्रेड मिल चुका है। कार्यशाला के समापन सत्र में डिजिटल इंडिया सेल की समन्वयक डॉ. अनुराधा ने कार्यशाला की रिपोर्ट तथा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।