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Faridabad NCR

पुलिस आयुक्त कार्यालय में फरीदाबाद पुलिस, शक्ति वाहिनी किशोर कल्याण अधिकारियों द्वारा महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा और मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए कार्यशाला प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया गया आयोजन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा के दिशानिर्देश तथा डीसीपी मुख्यालय नीतीश कुमार अग्रवाल के आग्रह पर फरीदाबाद पुलिस के अनुसंधान अधिकारियों तथा शक्ति वाहिनी संस्था द्वारा बच्चों की सुरक्षा तथा मानव तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एसीपी ट्रैफिक विनोद कुमार, इंस्पेक्टर माया, इंदु बाला व गीता, फरीदाबाद के तीनों महिला थानों से 5-5 महिला पुलिस अधिकारी, प्रत्येक थाना हेल्पडेस्क से 2 महिला अनुसंधान अधिकारी, शक्ति वाहिनी के कार्यकारी निदेशक श्री निशिकांत और किशोर कल्याण अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि बाल अपराध तथा बच्चों के शोषण पर अंकुश लगाने के लिए फरीदाबाद पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। पुलिस द्वारा समय-समय पर महिला व बाल अपराध, मानव तस्करी, शोषण, बाल मजदूरी इत्यादि सामाजिक मुद्दों के बारे में छात्र-छात्राओं तथा आमजन को जागरूक करने के लिए जागरूकता कैंप का आयोजन किया जाता है। इसके तहत बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए नागरिकों को अपनी आवाज बुलंद करने तथा पुलिस को सूचना देकर अपराधियों पर शिकंजा कसने के बारे में जानकारी दी जाती है। इसी के तहत आज फरीदाबाद पुलिस के अनुसंधान अधिकारियों तथा शक्ति वाहिनी संस्था द्वारा बाल अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए किशोर न्याय अधिनियम, यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम और मानव तस्करी पर एक कार्यशाला प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य तस्करी और यौन शोषण से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए राज्य की आपराधिक न्याय प्रणाली के सामाजिक और संस्थागत ढांचे में सामने आने वाले मुद्दे और बाल अपराधों में त्वरित कार्रवाई करके बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विभिन्न उपाय सुझाव में लिए गए। शक्ति वाहिनी के कार्यकारी निदेशक श्री निशिकांत ने हरियाणा में आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक समग्र मॉडल तैयार करने के लिए हितधारकों के बीच अभिसरण बनाने की आवश्यकता के बारे में बात की। उन्होंने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 के बारे में विस्तार से चर्चा की और उन विभिन्न तरीकों के बारे में बातचीत की जिनसे जांच अधिकारी दुर्व्यवहार के शिकार बच्चों को सहायता प्रदान करने में सहायता कर सकते हैं।

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