Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि विक्रम संवत हमारी संस्कृति का आधार है। हमारा अतीत, वर्तमान और भविष्य इस गणना से जुड़ा है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हमारे लिए संकल्पों को सशक्त करने का पर्व है। श्री नेहरू विक्रम संवत 2080 के उपलक्ष्य में आयोजित यज्ञ में आहुति देने के पश्चात संबोधित कर रहे थे। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ नव वर्ष का अभिनंदन किया गया।
कुलपति श्री राज नेहरू ने सभी प्रोफेसर, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को विक्रम संवत नव वर्ष और नवरात्रों की शुभकामनाएं। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. आरएस राठौड़ ने भी सभी को नव संवत की बधाई दी।
श्री राज नेहरू ने शिक्षकों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि नव वर्ष हमारे लिए संकल्प की दृढ़ता का अवसर है। इस दिन हमारा
नया पंचाग शुरू होता है और ज्योतिष की गणना के अनुसार लोक व्यवहार और धार्मिक अनुष्ठानों की तिथियां निर्धारित की जाती हैं। भगवान राम और युधिष्ठिर का राज्याभिषेक इसी दिन हुआ था। इसी दिन प्रकृति भी हमें बदलाव के संकेत वृक्षों पर पतझड़ के बाद नए पत्ते आने के साथ देती है। चारों तरफ अनेक प्रकार के फूल खिलते हैं। ऐसा लगता है मानो प्रकृति भी नव वर्ष मना रही है। शक्ति और भक्ति के प्रतीक नवरात्रि इसी दिन से प्रारंभ होते हैं। कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कौशल विश्वविद्यायल देश का अपने प्रकार का पहला विश्वविद्यालय है। अमृतकाल में और इस विक्रम संवत में हम अपने लक्ष्यों की ओर अधिक दृढ़ता से बढ़ेंगे।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री आर एस राठौड़ ने नए वर्ष में कौशल शिक्षा एवं नवीनीकरण पर बल दिया।
इस अवसर पर प्रोफेसर संजय राठौर, संयुक्त निदेशक अंबिका पटियाल, डॉ. सुरभि गोयल, डॉ. श्रुति, डॉ. सविता, डॉ. सागर, डॉ. समर्थ और एबीवीपी इकाई के अध्यक्ष साहिल सहित काफी संख्या में अधिकारी, शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे।