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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : यथार्थ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, सेक्टर 88, फरीदाबाद के डॉक्टरों ने एक बार फिर उन्नत कार्डियक केयर में अपनी विशेषज्ञता साबित की है। हॉस्पिटल की टीम ने दो बुजुर्ग मरीजों का जीवन-रक्षक उपचार ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (TAVI) तकनीक से किया, जिससे उनकी ज़िंदगी में नई उम्मीदें लौट आईं।
पहले मामले में 90 वर्षीय महिला गंभीर एओर्टिक स्टेनोसिस और कई अन्य बीमारियों से जूझ रही थीं। लगातार सांस फूलना, सीने में दर्द और हड्डी टूटने जैसी गंभीर परिस्थितियों में उन्हें हॉस्पिटल लाया गया। उनकी उम्र और कमजोर स्वास्थ्य को देखते हुए ओपन-हार्ट सर्जरी संभव नहीं थी। हॉस्पिटल की मल्टीडिसिप्लिनरी हार्ट टीम ने TAVI प्रक्रिया को चुना और जटिल एओर्टिक एन्यूलस के लिए सेल्फ-एक्सपैंडेबल वाल्व का उपयोग किया। कुछ ही दिनों में उनकी सांस लेने की तकलीफ दूर हो गई और दो महीने के भीतर वे सामान्य जीवन जीने लगीं।
दूसरे मामले में 79 वर्षीय पुरुष मरीज, जिनकी 10 साल पहले ओपन-हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई थी, गंभीर हार्ट फेलियर के लक्षणों के साथ हॉस्पिटल आए। जांच में उनका बायोप्रोस्थेटिक वाल्व फेल पाया गया। दोबारा ओपन-हार्ट सर्जरी जोखिम भरी थी, इसलिए डॉक्टरों ने वाल्व-इन-वाल्व TAVI प्रक्रिया को चुना। इसमें पुराना वाल्व फ्रैक्चर कर नया बैलून-एक्सपैंडेबल मायवाल (Meril) वाल्व लगाया गया। मरीज बिना किसी जटिलता के स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए और कुछ ही सप्ताह में सामान्य दिनचर्या में लौट आए।
यथार्थ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, सेक्टर 88, फरीदाबाद के सीनियर कंसल्टेंट एंड एच.ओ.डी – इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी एवं इलेक्ट्रोफिज़ियोलॉजी, डॉ. बिनय कुमार ने कहा, “ये दोनों केस इस बात का उदाहरण हैं कि TAVI और वाल्व-इन-वाल्व जैसी आधुनिक तकनीकें बुजुर्ग और उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए जीवनदायी साबित हो सकती हैं। आधुनिक तकनीक और टीम आधारित दृष्टिकोण से हम उन मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी विकल्प दे पा रहे हैं, जिन्हें पारंपरिक सर्जरी से लाभ मिलना संभव नहीं होता।”
इन उपलब्धियों से एक बार फिर सिद्ध होता है कि यथार्थ हॉस्पिटल, फरीदाबाद जटिल हृदय रोगों के उन्नत उपचार में उत्कृष्टता का केंद्र है और सभी आयु वर्ग के मरीजों को विश्वस्तरीय हृदय सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है