Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj :12 फरवरी संस्कार की पाठशाला नामक प्रोग्राम के तहत देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह ने कहा कि पहले बच्चों को संस्कार देने चाहिए बाद में कार देनी चाहिए क्योंकि संस्कार विहीन बच्चे सब कुछ खत्म कर देते हैं और समाज में मुंह दिखाने के काबिल भी नहीं छोड़ते हैं सामाजिक और आर्थिक दोनों गिरावट आती हैं डॉ एमपी सिंह ने कहा कि पहले बच्चों को अच्छा माहौल देना चाहिए ना कि मॉल को दिखाना चाहिए या मॉल के खानपान और पहनावे से नैतिक मूल्यों में काफी गिरावट आ रही है अंत में डॉ एमपी सिंह ने परिवार की महत्वता पर जोर देते हुए कहा की दादा-दादी और नाना-नानी के पास जो बच्चों को संस्कार मिलते थे वह क्रैच और प्रेप में नहीं मिलते हैं इसलिए समय रहते हुए बच्चों को प्यार दुलार देते हुए उनकी समस्याओं का समाधान कर देना चाहिए डॉ एमपी सिंह ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज हम शिक्षा में भले ही आगे बढ़ गए हैं लेकिन संस्कृति में बहुत पीछे हो गए हैं आज भौतिकवाद की दुनिया की वजह से आपसी रिश्तो में गिरावट आ रही है हमें रिश्तो को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए