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Faridabad NCR

कर्मचारियों व मजदूरों की मांग को लेकर डीसी आफिस का किया घेराव

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 12 जनवरी। पुरानी पेंशन, डीए व बर्खास्त कर्मियों की बहाली, कच्चे कर्मियों को पक्का करने और श्रम कोड़ों व कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर कर्मचारियों व मजदूरों ने मंगलवार मानव श्रृंखला बनाकर डीसी आफिस का घेराव किया। करीब एक घंटा किए गए घेराव में कोई भी ना तो अंदर जा सका और न ही कोई कर्मचारी एवं अधिकारी अंदर से बहार आ सका।  सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व मजदूर संगठन सीटू के संयुक्त आह्वान पर आयोजित इन घेराव में हजारों की तादाद में विभिन्न विभागों के कच्चे व पक्के कर्मचारियों के अलावा बड़ी संख्या में आशा, आंगनबाड़ी व मिड डे मील वर्करों ने भाग लिया। घेराव प्रदर्शन की अगुवाई सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, जिला प्रधान राजेश शर्मा व सचिव योगेश शर्मा और सीआईटीयू के जिला प्रधान श्रीपाल सिंह भाटी, सचिव भागीरथ बेनीवाल व दरियाव सिंह, बिजली कर्मचारी नेता जितेंद्र तेवतिया व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के नेता राकेश तंवर कर रहे थे। घेराव से पहले कर्मचारियों व मजदूरों ने डीसी आफिस के पार्क में एक सभा आयोजित की। उसके बाद वहां से डीसी आफिस घेराव के लिए मार्च किया। डीसी आफिस के मेन गेट पर बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस ने कर्मचारियों को रोकने का विफल प्रयास किया और कर्मचारियों ने जिला सचिवालय का मानव श्रृंखला बनाकर करीब एक घंटा घेराव किया। प्रदर्शन में 24 हजार न्यूनतम वेतन देने, आशा, आंगनबाड़ी,मिड डे मील,क्रेच कर्मियों, ग्रामीण सफाई कर्मियों व चौकीदारों,वन मजदूरों, स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को पक्का करने की मांग को जोरदार तरीके से उठाया गया। 1993 की खेल नीति के ग्रेडेशन सर्टिफिकेट को मान्यता देकर ग्रुप डी के कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित करने की मांग की गई।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व सीटू के जिला प्रधान श्रीपाल सिंह भाटी ने कर्मचारियों की मांगों अनदेखी और कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल 2020 को लागू करने की हठधर्मिता की घोर निन्दा की। प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि हरियाणा सरकार अलग-अलग कारणों से 5 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को बर्खास्त कर चुकी हैं। सीएस के आश्वासन के बावजूद बर्खास्त पीटीआई को एडजस्ट नही किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के अहम के कारण खेल कोटे में लगे ग्रुप डी के हजारों कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन,डीए व बर्खास्त कर्मियों की बहाली, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने जैसी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है। इसके विपरित सरकार ने प्री मेच्योर रिटायरमेंट करने, प्रमोशन व एसीपी में टेस्ट की शर्त लगाने के रूप में नए हमले कर कर्मचारियों में डर पैदा करने का प्रयास किया है। आनलाइन ट्रांसफर के नाम पर कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रदर्शन को कर्मचारी नेता राजकुमार डागर, उदयबीर सिंह, देवी राम, उर्मिला रावत,हरकेश सौरोत,बिधू सिंह, दिवाकर, हरीशचंद वर्मा,दीपक, मीना,रामरती चौहान, सुनील कुमार, नेत्रपाल आदि ने संबोधित किया।
किसानों को दिया समर्थन
कर्मचारियों ने घेराव खत्म कर अटोहा मोड़ पर चल रहे किसान आंदोलन के लिए कूच किया। वहां पहुंच कर कर्मचारियों व मजदूरों ने किसान आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट की। प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि तीन कृषि कानून व बिजली संशोधन बिल 2020 किसानों के लिए डेथ वारंट है। उन्होंने 65 से ज्यादा किसानों की मौत के लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बेनर तले हजारों की तादाद में विभिन्न विभागों के कर्मचारी 20 जनवरी को एकजुटता मार्च करते हुए सिंघू,टीकरी, शाहजहांपुर बार्डर व पलवल में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होंगे।
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