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34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला का शुभारंभ माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा किया जाएगा

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 31 जनवरी। सूरजकुंड मेला ग्राउंड, फरीदाबाद में मध्यस्थों के एक समूह को संबोधित करते हुए भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सचिव योगेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि 34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला-2020 का शुभारंभ एक फरवरी 2020 को भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा किया जाएगा।
हरियाणा के महामहिम राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य 1 फरवरी, 2020 को प्रात: 11 बजे उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के पर्यटन मंत्री कंवरपाल और उज़्बेकिस्तान दूतावास के राजदूत रहाद आरएिव इस अवसर पर मौजूद रहेंगे।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, हरियाणा पर्यटन निगम के अध्यक्ष रणधीर गोलन, विधायक सीमा त्रिखा भी उपस्थित रहेंगे।
34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला के चेयरमैन एवं भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सचिव योगेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि सूरजकुंड मेला की शुरूआत वर्ष 1987 में पहली बार हस्तशिल्प, हथकरघा और भारत की सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए की गई थी। सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन द्वारा केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति, विदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है। यह मेला शिल्प, संस्कृति और भारत के व्यंजन  प्रदर्शन के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटन कैलेंडर पर गर्व और प्रमुखता से स्थान रखता है।
योगेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि यह शिल्प मेला पूरे भारत के हजारों शिल्पकारों को अपनी कला और उत्पादों को व्यापक दर्शकों को दिखाने में मदद करता है। इस प्रकार, मेला ने भारत के विरासत शिल्प को पुनर्जीवित करने में भी मदद की है। समय के साथ तालमेल बनाए रखते हुए, ऑनलाइन टिकट बुक माय शो डॉट कॉम जैसे पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे आगंतुकों को आसानी से लंबी कतार में खडे हुए बिना मेला परिसर में प्रवेश करने में मदद मिलती है। आस-पास के क्षेत्रों से आगंतुकों को मेला स्थल तक ले जाने के लिए विभिन्न स्थानों से विशेष बसें चलेंगी।
सूरजकुंड शिल्प मेला ने 2013 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड होने के साथ नए बेंचमार्क सेट किए। इसमें वर्ष 2019 को यूरोप, अफ्रीका और एशिया के 30 से अधिक देशों ने मेले में भाग लिया था।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि इस वर्ष सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और ब्रिटिश काउंसिल के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और सूरजकुंड मेला पहली बार इंग्लैंड के कलाकारों और शिल्पकारों की मेजबानी करेगा। इसके अलावा करीब 40 देश मेले का हिस्सा होंगे, जिसमें पार्टनर नेशन-उज्बेकिस्तान शामिल हैं। अफगानिस्तान, आर्मेनिया, बांग्लादेश, भूटान, मिस्र, इथियोपिया, घाना, कजाकिस्तान, मलावी, नामीबिया, नेपाल, रूस, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, सूडान, स्वाज़ीलैंड, सीरिया, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, ट्यूनीशिया, तुर्की, युगांडा, यूनाइटेड किंगडम, वियतनाम और जिम्बाब्वे से उत्साही भागीदारी होगी।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश 34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला 2020 का थीम राज्य है, जो राज्य से विभिन्न शिल्प और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित कर रहा है। हिमाचल प्रदेश के सैकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे। पारंपरिक नृत्यों और कला रूपों से लेकर व्यंजनों तक, दर्शकों को लुभाने के लिए हिमाचल प्रदेश से विरासत और संस्कृति का एक गुलदस्ता है। साथ ही भीमा काली मंदिर और पहले से मौजूद महेश्वर देव मंदिर की प्रतिकृति भी इस साल के मेले का मुख्य आकर्षण होगी। विभिन्न प्रकार के प्रदर्शनकर्ता बीन पार्टी, नगाड़ा पार्टी, रागिनी, हरियाणा के बागपाइपर समूह, राजस्थान के कच्छी घोरी, पंजाब के नाचार समूह, कठपुतली शो, मैजिक शो, हाथ की चक्की के लाइव प्रदर्शन आगंतुक बहुत पसंद करेंगे। प्रसिद्ध बेहरुपीये, अपनी मोहक प्रतिभा और कौशल से दर्शकों का मनोरंजन करते रहेंगे।
मेला पखवाडे के दौरान सांस्कृतिक संध्याओं का शानदार प्रदर्शन दर्शकों को मनोरंजन के लिए आकर्षित करेगा। प्रसिद्ध कवियों द्वारा हसी कवि सम्मेलन का आनंद लें, कव्वालियों की गूंज, नृत्य प्रदर्शन, पंजाबी गायकों की भावपूर्ण सूफी प्रदर्शन, विभिन्न कलाकारों द्वारा मधुर बोलिवुड नंबरों के अलावा, हिमाचल प्रदेश पार्टनर नेशन और अन्य अंतरराष्ट्रीय शो के नृत्य और गीत शो, दर्शकों का मनोरंजन करते रहेंगे।
मेला प्राधिकरण के वाइस चेयरमैन एवं पर्यटन विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन ने कहा कि सूरजकुंड मेला मैदान 40 एकड भूमि में फैला है और इसमें शिल्पकारों के लिए एक हजार से अधिक कार्य स्थल हैं। इस वर्ष, आगंतुक हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, प्रामाणिक मुगलई, दक्षिण के व्यंजनों और भारतीय स्ट्रीट फूड के साथ चीन के स्वादों का फूड कोर्ट में आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, फरीदाबाद और पानीपत के होटल के प्रबंधन के इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट विभिन्न व्यंजनों का प्रबंध करेंगे। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेला विदेशों में अपार लोकप्रियता वाला एक पर्यटन कार्यक्रम बन गया है। इंग्लैंड के इस संस्करण में भाग लेने के साथ, अब हम दुनिया के दूर-दराज के देशों से अधिक से अधिक भागीदारी देखेंगे।
हरियाणा का एक परिवार राज्य की प्रामाणिक जीवन शैली का प्रदर्शन करने के लिए विशेष रूप से निर्मित ‘अपना घर‘ में रहने वाला है। अपना घर ’आगंतुकों को राज्य के लोगों की जीवन शैली का अनुभव करने का मौका देता है और उन्हें अपनी संस्कृति के बारे में बातचीत करने और सीखने का मौका भी देता है। अपना घर पारंपरिक मिट्टी के बर्तन, बर्तन आदि दिखाएगा और शिल्पकार इन पारंपरिक शिल्पों का लाइव प्रदर्शन करेंगे।
दोनों चैपालों (एम्फीथिएटर्स) को एक लोक रंगमंच रूप दिया गया है। जातीय, पारंपरिक और टिकाऊ सामग्री को गेट्स और पोल लाइट्स के लिए बांस जैसे तत्वों को डिजाइन करने के लिए उपयोग में लाया गया है। यह मेला 1 से 16 फरवरी 2020 तक रोजाना प्रात: 10:30 से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है।
हरियाणा पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक विकास यादव ने सभी का स्वागत किया। सूरजकुंड मेला की सलाहकार ऋतु बेरी ने भी मेले के आयोजन के संबंध में अपने विचार रखे।
34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला -2020 के प्रमुख आकर्षण
सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और ब्रिटिश काउंसिल द्वारा एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के माध्यम से इंग्लैंड पहली बार सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला में भाग लेगा।
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रगति के साथ तालमेल रखते हुए, मेला प्रवेश टिकट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.बुकमाईशो.कॉम पर ऑनलाइन बुक किए जा सकते हैं
सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की छात्राओं को हरियाणा सरकार के  बेटी बचाओ बेटी पढाओ ’अभियान के एक भाग के रूप में सप्ताह के दिनों में मेले में मुफ्त प्रवेश दिया जाएगा। सरकारी स्कूली बच्चों को उनके शिक्षक के साथ स्कूल यूनिफॉर्म में नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही युद्ध विधवाओं और स्वतंत्रता सेनानियों को वैध आईडी प्रमाण के साथ मुफ्त प्रवेश दिया जाएगा।
एक कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल के रूप में, सूरजकुंड मेला प्राधिकरण अलग-अलग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों और सेवारत रक्षा कर्मियों और पूर्व सैनिकों को प्रवेश टिकट पर 50 प्रतिशत छूट प्रदान करता है।
युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, वैध आईडी कार्ड के उत्पादन पर कार्यदिवसों में कॉलेज के छात्रों को प्रवेश टिकट पर 50 प्रतिशत  की छूट दी जा रही है।
स्कूली छात्रों के लिए कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
एक्सपोर्टर्स और बायर्स मीट का आयोजन मेले के दौरान किया जाता है जो शिल्पकारों को निर्यात बाजार तक पहुंचने और टैप करने के लिए एक तैयार समर्थन प्रणाली प्रदान करता है।
किसी भी अप्रिय घटना या हादसे की घटना को रोकने के लिए नाइट विजन कैमरों के साथ मेला मैदान में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के मेला लिए परिसर में महिला सुरक्षाकर्मियों सहित बडी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
फायर ब्रिगेड टीम और चिकित्सा दल पूरे मेले में किसी भी आपात स्थिति के लिए उपलब्ध रहेंगे।
आपदा प्रबंधन योजना व निकासी योजना सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अत्याधुनिक चिकित्सा, अग्नि और आपदा प्रबंधन सुविधाओं के साथ है।
बैंक, औषधालय, मेला पुलिस नियंत्रण कक्ष और सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष एक केंद्रीकृत स्थान पर स्थित हैं ताकि आगंतुकों और प्रतिभागियों को इन आवश्यक सेवाओं तक आसानी से पहुंचा जा सके।
मेला परिसर के भीतर प्लास्टिक व पॉलिथीन बैग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

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