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Faridabad NCR

दुर्गा अष्टमी पर वैष्णोदेेवी मंदिर में की गई मां महागौरी की भव्य पूजा, कलश यात्रा का आयोजन किया गया

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : महारानी वैष्णोदेवी मंदिर में दुर्गा अष्टमी के शुभ अवसर पर मां महागौरी की पूजा अर्चना की गई। इस धार्मिक आयोजन के अवसर पर मंदिर में कलश यात्रा का आयोजन भी किया गया। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने मां महागौरी की पूजा आरंभ करवाई। इस अवसर पर दुर्गा अष्टमी के दिन मंदिर में कजंक पूजन भी किया गया तथा भक्तों ने कजंकों को प्रसाद बांटा। प्रधान जगदीश भाटिया ने भी कजंक पूजन में शामिल होकर शुभ लाभ लिया। सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा और सभी ने हवन यज्ञ में अपनी आहुति डाली।
इस अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने बताया कि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार सोलह साल की उम्र में देवी शैलपुत्री अत्यंत सुंदर थीं। अपने अत्याधिक गौर रंग के कारण देवी महागौरी की तुलना शंख, चंद्रमा और कुंद के सफेद फूलों से की जाती थी। इन गौर आभा के कारण ही उन्हें देवी महागौरी कहकर बुलाया जाने लगा। मांं महागौरी केवल सफे द वस्त धारण करती हैं, जिसके चलते उन्हें श्वेताम्बरधरा के नाम से भी जाना जाता है। हरिद्वार के कनखल में मां महागौरी का मंदिर है, जहां भक्त उनकी भव्य पूजा अर्चना का आयोजन करते हैं। उनका प्रिय भोग शुद्ध देसी घी से बना हलवा पूडी है। मां को गुलाबी रंग अति प्रिय है। नवरात्रों के शुभ अवसर पर जो भी भक्त मां महागौरी की सच्चे मन से पूजा करते हुए जो भी मुराद मांगते हैं, वह अवश्य पूर्ण होती है।

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