Faridabad NCR
सूरजकुंड मेला परिसर में आपदा प्रबंधन विभाग ने की मॉकड्रिल
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 16 मार्च। उपायुक्त जितेन्द्र यादव के दिशा निर्देशानुसार सूरजकुंड मेला परिसर में आपदा प्रबंधन पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा पूर्व अभ्यास करवाया गया। जिला राजस्व अधिकारी डॉ विजेंद्र राणा ने इस मॉक ड्रिल की की विधिवत शुरुआत की।
इस अवसर पर एसीपी सुखबीर सिंह, एडीएफओ सत्यवान सिंह, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश श्योकंद, सूरजकुंड क्राफ्ट मेला के नोडल अधिकारी राजेश जून, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रोजेक्ट ऑफिसर गुरुकरण सिंह, एसडीआरएफ के कमांडर नरेश कुमार, रेड क्रॉस से अरविंद कुमार सिविल डिफेंस के अधीक्षक अनिल कुमार मुख्य रूप से उपस्थित रहे। जिसमें स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स/ एसडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य, अग्निशमन, सिविल डिफेंस/ होमगार्ड, रेडक्रॉस की क्विक रिस्पांस टीमों ने भाग लिया।
सूरजकुंड मेले में लगी आग आपदा प्रबंधन की टीम ने तुरंत किया काबू और किसी भी प्रकार का नहीं होने दिया हताहत यह मौका था सूरजकुंड मेले में आपदा प्रबंधन की जिला प्रबंधन की मॉक ड्रील का बुधवार को जिला प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड और एसटीएफ की टीमों ने संयुक्त रूप से सूरजकुंड मेला परिसर में माक ड्रील की। मॉक ड्रिल के दौरान मेला परिसर में किसी भी संभावित दुर्घटना को देखते हुए जिला प्रशासन ने यह माक ड्रिल की है ताकि यथासंभव काबू पाया जा सके। इसके अलावा भी मेला परिसर में लोगों को मॉक ड्रिल के जरिए जागरूक किया गया।
माकँड्रिल के दौरान एसटीएफ के जवानों ने घायलों के उपचार की व्यवस्था किस प्रकार की जाती है का ब्यौरा दिया। हरियाणा पुलिस के कमांडो ने तुरंत अपनी पोजीशन लेते हुए माक ड्रिल के दौरान मेला व्यवस्था में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था पर कैसे काबू पाया जा सकता है। फायर ब्रिगेड की टीम द्वारा आगजनी की घटना पर काबू पाया और रेड क्रॉस के विद्यार्थियों ने उपचार की व्यवस्था का पूरा परिचय दिया। माक ड्रिल के दौरान जिला राजस्व अधिकारी विजेंद्र राणा, सूरजकुंड मेला के नोडल अधिक अधिकारी राजेश जून, डिप्टी सीएमओ राजेश श्योकंद, आपदा प्रबंधन अधिकारी गुरकरण, पुलिस विभाग के एसीपी सुखबीर सिंह, डॉक्टर एमपी सिंह सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी तथा मेला परिसर में अनेक लोग उपस्थित रहे। चीफ वार्डन सिविल डिफेंस व विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन डॉ एमपी सिंह ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेला में प्रतिदिन लाखों लोग आते हैं। बहुत सारे विदेशी मेहमान भी होते हैं। जिनकी बोली भाषा अधिकतर लोग नहीं समझ पाते हैं। इस प्रकार के मेलों में आगजनी घटना होने की संभावना होती है,तो कहीं शॉर्ट सर्किट भी हो सकता है, कहीं कोई किसी को धक्का भी दे सकता है, तो कही आपसी लड़ाई झगड़ा/ मारपीट भी हो सकती है।
ऐसी स्थिति पर काबू पाने के लिए पूर्व अभ्यास करवाया गया। ताकि समय रहते सभी विभाग अपनी अपनी तैयारियों का जायजा ले सकें। अपनी कमियों को दूर कर सकें। इसी के तहत अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने आग लगाकर उसको बचाया। सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों ने सर्च एंड रेस्क्यू का काम किया। एसडीआरएफ के जवानों ने जरूरत पड़ने पर काम में आने वाले यंत्रों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी और उनका प्रयोग करके बताया। रेड क्रॉस के प्रवक्ताओं तथा स्वयंसेवकों ने प्राथमिक उपचार देकर फर्स्ट एड पोस्ट तक पहुंचाया। सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने ट्राएज पर काम करके मास कैजुअल्टी को हैंडल किया।
उन्होंने आगे बताया कि इस मॉक ड्रिल में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। पूर्वाभ्यास में 8 घायलों को निकाला गया तथा प्राथमिक सहायता देकर एंबुलेंस में लोड किया गया और अस्पताल पहुंचा दिया गया। सभी टीमों का कोआर्डिनेशन ठीक रहा। उक्त कार्य के आधार पर कहा जा सकता है कि भविष्य में घटित होने वाली अप्रिय घटना पर आसानी से काबू पा लिया जाएगा।