Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 4 मार्च। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रास के संयुक्त तत्वावधान में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में जिला रेडक्रॉस सोसायटी फरीदाबाद के निर्देशानुसार अंगदान व रक्तदान पर पोस्टर व पेंटिंग बना कर जागरूकता कार्यक्रम हाल ही में आयोजित किया गया। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि विद्यालय की जूनियर रेड क्रॉस व सेंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड के संयुक्त प्रयास से “अंगदान — जीवन दान — कार्य महान ” विषय पर स्लोगन लिखो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। छात्राओं ने नेत्र दान और अंग दान बारे आकर्षक स्लोगन लिख कर अनमोल जीवन बचाने का संदेश दिया। इस से पूर्व ब‘चों को प्राचार्य रविन्दर मनचन्दा ने कहा कि जागरूकता की कमी और समाज में व्याप्त भ्रांतियों के कारण हम लोग मृत्योपरांत अंगदान और नेत्रदान से कतराते है जबकि ऐसा करने में सभी का फायदा है एक व्यक्ति अपने जीते जी लीवर का हिस्सा, एक किडनी, बोन मैरो और रक्त दान कर सकता है, रक्त दान तो अब साधारण हो गया है। डॉक्टर्स के अनुसार ब्रेन डेड की अवस्था मे रोगी को ब्रेन डेड घोषित करनेके बाद डॉक्टर्स का पैनल रोगी के परिजनों को रोगी के आवश्यक अंगों को डोनेट करने के लिए मोटीवेट करते है ताकि वे अंग जरूरतमंद व इंतजार कर रहे लोगों को प्रत्यारोपित किये जा सके और उन का अनमोल जीवन बचाया जा सके। अंगदान व नेत्रदान पखवाड़े के अंतर्गत भी ब‘चों को बताया जाता है कि एक ब्रेन डेड व्यक्ति द्वारा किये गए अंगदान से कम से कम सात आठ लोगो का जीवन बचाया जा सकता है। हार्ट, लिवर, किडनी, नेत्र, इंटेस्टाइन आदि अंगों को दूसरे के शरीर मे प्रत्यारोपित कर उन के जीवन को उजियारा बनाने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। विकसित और पश्चिमी देश विशेष रूप से स्वीडन अंगदान में और श्रीलंका नेत्रदान में अग्रणी है। प्राचार्य रविन्दर कुमार मनचन्दा ने आकर्षक सलोगन लिखने वाली सभी छात्राओं की हौसलाफजाई की। उन्होंने बताया कि मानव के अंग और रक्त का कोई विकल्प नहीं है इसलिए रक्तदान और अंगदान को हमें पारिवारिक परंपरा बनाना होगा ताकि कोई भी आवश्यकता पडऩे पर आपातकालीन स्थिति में किसी भी पीडि़त की रक्त के अभाव में या अंगो की अनुपलब्धता के कारण जीवन से वंचित न हो और उसकी जिंदगी की डोर टूटने न पाए। ब‘चो के साथ कविता, मनीषा, निशा, ममता, हेमा, हेमलता सहित सभी अध्यापकों ने ब‘चों द्वारा चलाए गए अंगदान व रक्तदान अभियान की सराहना की।