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Faridabad NCR

बकाया सम्पत्ति कर राशि जमा कर सरकार की ब्याज माफी योजना का लाभ उठायें : डा. यश गर्ग

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 30 जनवरी। फरीदाबाद नगर निगम के आयुक्त डा. यश गर्ग ने करदाताओं से अपील की है कि वे अपना बकाया सम्पत्ति कर की राशि जमा करके सरकार की ब्याज माफी योजना का लाभ उठायें। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार, शहरी स्थानीय निकाय विभाग की नीति के अनुसार वर्ष 2010-11 से 2018-19 तक की सम्पत्ति कर की राशि कल 31 जनवरी तक एकमुश्त जमा करने पर ब्याज माफी का प्रावधान है। इसके इलावा वर्ष 2019-20 के सम्पत्ति कर की राशि जमा करने पर 10 प्रतिशत की छूट भी करदाताओं को दी जा रही है। उन्होंने यहां बताया कि सरकार की उक्त ब्याज माफी योजना का लाभ अधिक से अधिक करदाता उठाएं – यह सुनिश्चित करने के लिए निगम के कराधान विभाग के द्वारा बड़े बकायेदारों को 1.04.2010 से लेकर 31.03.2019 तक की मूल राशि और इसी अवधि के ब्याज की राशि का विवरण का उल्लेख करते हुए नोटिस भेजे गये हैं, जिससे कि ऐसे करदाताओं को सरकार की ब्याज माफी योजना के तहत मिलने वाले लाभ का पता लग सकें। निग्मायुक्त ने शहर की सभी सामाजिक संस्थाओं, रेजीडेन्ट वैलफेयर एसोसिएशनों, औद्योगिक संगठनों से भी अपील की है कि वे करदाताओं को अपना-अपना बकाया कर जमा करने के लिए प्रेरित करें जिससे कि निगम प्रशासन को शहर के चहुंमुखी विकास के लिए आर्थिक कठिनाईयों का सामना न करना पड़े।

उन्होंने कहा है कि नगर निगम को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए निगम प्रशासन बकाया करों की वसूली करने के अभियान को तेज करेगा। उन्होंने कहा कि अकेले सम्पत्ति कर मद में बकाया लगभग 220 करोड़ रूपये की राशि में से 150 करोड़ रूपये से अधिक की राशि बड़े बकायेदारों के विरूद्ध बकाया पड़ी हुई है और दूसरी ओर निगम प्रशासन को अपनी कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण शहरवासियों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने में अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार की ब्याज माफी जैसी उदार योजनाओं के बावजूद ये बड़े बकायादार अपना बकाया सम्पत्ति कर जमा नहीं कर रहे है, जिसे अब और अधिक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे सभी बड़े डिफाल्टरों के मकानों, औद्योगिक इकाईयों, वाणिज्यि संस्थानों को सील करने के साथ-साथ हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के तहत इनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश निगम के सभी संयुक्त आयुक्तों व क्षेत्रिय एवं कराधान अधिकारियों को दे दिए गए है। डा. गर्ग ने यह भी बताया कि जिन रिहायशी इकाईयों के विरूद्ध सम्पत्ति कर की एक बड़ी राशि बकाया पड़ी हुई है, उनके पानी व सीवरेज के कनैक्शन काटने के निर्देश कराधान विभाग को दिए जा चुके हैं।

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