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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय तथा आईएसएचआरएई के गुरूग्राम चैप्टर द्वारा आयोजित किया गया सम्मेलन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 11 फरवरी जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कम्युनिटी कॉलेज ऑफ स्किल डेवलपमेंट द्वारा इंडियन सोसाइटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग और एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स (आईएसएचआरएई) के गुरूग्राम चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में एचवीएसी, रेफ्रिजरेशन और कोल्ड चेन के सर्विस इंजीनियरों के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान रैफकाॅन और एक्रेसर्व शीर्षक से आयोजित तकनीकी सत्रों में प्रतिभागियों को औद्योगिक क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा एयर कंडिशनिंग, रेफ्रिजरेटिंग तथा कोल्ड चेन की नवीनतम प्रौद्योगिकी पर जानकारी दी गई। सम्मेलन के दौरान जिन विषयों पर चर्चा की गई, उनमें कोल्ड चेन प्रोजेक्ट्स के लिए एप्लिकेशन उपकरण चयन तथा एचवीएसी तथा कोल्ड चेन में ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स और आईओटी के मिश्रण पर विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
सम्मेलन का उद्घाटन कुलसचिव डाॅ. एस.के. गर्ग द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने एयर कंडिशनिंग, रेफ्रिजरेटिंग तथा कोल्ड चेन की नवीनतम प्रौद्योगिकी को सतत विकास प्रक्रिया से जोड़ते हुए अपने विचार साझे किये। उन्होंने कहा कि आज ऐसे प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है जो ग्लोबल वार्मिंग के खतरों को कम करने में मददगार हो और जीवन की बुुनियादी जरूरतों को पूरा करे।
इससे पहले, सत्र को संबोधित करते हुए, कम्युनिटी कालेज के प्राचार्य डॉ. संजीव गोयल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और कम्युनिटी कॉलेज ऑफ स्किल डेवलपमेंट की उपलब्धियों और गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
सम्मेलन के तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए इंडियन सोसाइटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग और एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स (आईएसएचआरएई) के अध्यक्ष संजय हंस ने भी संबोधित किया तथा कोल्ड चेन तथा एचवीएसी क्षेत्र में प्रौद्योगिकीय उन्नति पर अपने विचार साझा किये।
सत्र के अंत में, कम्युनिटी कालेज की उप प्राचार्य डॉ. रश्मि पोपली ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान औद्योगिक क्षेत्र से वक्ताओं द्वारा विभिन्न तकनीकी सत्र में अपने विचार प्रस्तुत किये गए। दो दिवसीय सम्मेलन का समन्वयन सहायक प्रोफेसर विमलेश ओझा द्वारा किया गया।
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